सिवनी में देर रात आए भूकंप के झटके, 4.7 तीव्रता
सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी में 21-22 नवंबर की रात 1.45 बजे मुख्यालय सहित आसपास के गांव में तीव्र भूकंप से लोगों की नींद टूट गई। पूरा घर हिलता देख गहरी नींद से जागे लोग घरों के बाहर निकल गए। कड़ाके की ठंड ने लोगों को घरों में वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। रविवार को आया भूकंप का झटका जिले में इससे पहले आए सभी भूकंप में सबसे तेज व अधिक समय तक महसूस किया गया। हालाकि इस भूकंप से कोई बड़ा नुकसान होने की खबर फिलहाल नहीं हैं। भूकंप के डर ने लोगों का सोना मुश्किल कर दिया। नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी की बेवसाइड में दर्ज जानकारी के मुताबिक सिवनी में 22 नवंबर को 1.45 बजे रिक्टर स्केल पर 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप का केंद्र सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में बताया गया हैं।
लोगों ने करीब 15 सेकेंड तक धरती हिलने व भूकंप के झटके महसूस किए। शहर के सभी क्षेत्रों में भूकंप महसूस किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा बरघाट, कुरई में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। जोरदार भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल हैं। रात में घरों से बाहर निकले लोग कड़ाके की ठंड में आग जला कर आग तापते नजर आए। 27 अक्टूबर को रिक्टर स्केल पर सिवनी में पहला भूकंप 3.3 तीव्रता दर्ज किया गया था। इसके बाद 31 अक्टूबर को दिन में दो बार 3.1 व 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।
9 नवंबर को सिवनी में रिक्टर पर 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। बीते 4 माह से जिले में भूगर्भीय हलचल हो रही। रातों में लोग अपने घरों में जाने से भी डर रहे है। छिड़िया, पलारी, डूंडासिवनी क्षेत्र में तो दहशत के कारण लोग रात में घर के बाहर आगन में सोने को मजबूर हैं। भू-विज्ञानी भूकंप को 20 से 25 साल में जमीन के अंदर जमा होने वाली ऊर्जा (एनर्जी) बाहर निकलना मना रहे हैं। भू-विज्ञानियों का कहना है कि हो सकता है इस क्षेत्र से कमजोर बेल्ट गुजर रहा हो इसलिए इस क्षेत्र में बार-बार भूगर्भीय हलचल हो रही हो। जमीन के अंदर की एनर्जी धीरे-धीरे बाहर निकल रही है।