मध्यप्रदेश के नव उद्यमो के विकास के लिए वैज्ञानिक सहयोग जरूरी-मंत्री श्री सखलेचा
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2020 में की सहभगिता
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समन्वय और सहयोग से छोटी औद्योगिक इकाई का जाल बिछाया जा सकता है, हम वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का आव्हान करते है कि मध्यप्रदेश के परिदृश्य के दृष्टिगत नव उद्यमियों को सहयोग करे। यह बात सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मंगलवार को दिल्ली में सम्पन्न हुए इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2020 में सहभगिता करते हुए कही। फेस्टिवल के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन थे।
मंत्री श्री सकलेचा ने कहा कि पिछले कई वर्षों में रियल स्टेट के कारण टेक्सटाइल सेक्टर बहुत प्रभावित हुआ है। करोड़ों लोग उस जमाने में कपड़ा उद्योग में नियोजित थे। इस इंडस्ट्री को खत्म होते देख किसी भी सरकार ने प्रभावी कदम नहीं उठाये। उन्होंने कहा कि अटल जी ने इसे समझा और कारण का पता लगाकर प्रयास भी किये, जिससे वापस थोड़ा सा उठाव आया, लेकिन आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी दुनिया के सामने चाइना को एक्सपोज़ किया तो हालात बदल रहे है। शायद आने वाले कई वर्ष में इंडस्ट्री के लिए शायद इससे बड़ी कोई पहल नहीं होगी। पिछले 100 वर्ष में आज जैसा अवसर कभी नहीं मिला।
मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि यह सभी इकाइयों के लिये सुअवसर है। इस अवसर को साकार करने के लिए आप सब का सहयोग चाहिए। पहले टेक्नोलॉजी 10 से 15 साल चलती थी लेकिन अब वही टेक्नोलॉजी 3 से 5 साल की हो गई है। एमएसएमई को आगे ले जाने के लिए पूरी क्षमता से तकनीक की हर वक्त जरूरत होगी। कैसे हम संयुक्त रूप से हमारे छोटे-छोटे नव उद्यम को टेक्नोलॉजी से ज्यादा से ज्यादा अपडेट करें और उनको प्रोत्साहित करें यह बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन का जो प्लेटफार्म चाइना शिफ्ट हुआ वह वापस भारत मे लाने के लिए मध्यप्रदेश तैयार है। भारत पर पूरी दुनिया की निगाहें है, बस आप लोगों का सपोर्ट चाहिए।
श्री सखलेचा ने कहा कि अगले दो महीने में 4 से 5 हजार नए उद्योग स्थापित करने के लक्ष्य की ओर हम बढ़ रहे है। हमारा प्रयास हैं कि ज्यादा से ज्यादा अलग-अलग क्षेत्र में और हर जिले में कुछ नई इंडस्ट्री जनवरी में शुरू कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को सपोर्ट करें जो भी नया उद्यमी आए उसे टेक्निकल गाइडेंस देने की जिम्मेदारी साइंस डिपार्टमेंट उठाये तो दुनिया का 50 प्रतिशत उद्यम चाइना से भारत शिफ्ट हो सकता है। फेयर को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने भी संबोधित किया।
राजेश बैन