पन्ना : रत्न उगलने वाली धरती ने चमकाई दो लोगों की किस्मत
पन्ना। जिले की रत्न गर्भा धरती ने सोमवार को फिर दो किसान मजदूरों को रंक से राजा बना दिया है। ग्राम जरूआपुर निवासी दिलीप मिस्त्री पिता श्रीपत मिस्त्री को जरूआपुर की उथली खदान क्षेत्र से जेम क्वालिटी वाला 7.44 कैरेट वजन का हीरा मिला है। इस हीरे की अनुमानित कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है। वहीं मजदूर किसान लखन यादव पिता रणधीर सिंह यादव निवासी एनएमडीसी कॉलोनी के पीछे ग्राम पंचायत गहरा को 14.98 कैरेट वजन का उज्ज्वल जैम क्वालिटी का हीरा कृष्णा कल्याणपुर पटी की उथली खदान से मिला है। जिसकी अनुमानित कीमत 80 लाख से एक करो.ड के लगभग बताई जा रही है।
दोनों मजदूर किसानों को खदान में हीरा मिलने की खबर के बाद से दोनों के घरों में जश्न और खुशी का माहौल है। हीरा धारक दिलीप व लखन ने सोमवार को दोपहर बाद कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय आकर वहां विधिवत हीरा जमा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि हीरा कार्यालय पन्ना के पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि जमा हुए दोनों हीरों का वजन क्रमश: 7.44 व 14.98 कैरेट है दोनों हीरे उज्ज्वल किस्म के हैं। हीरे की कीमत पूछे जाने पर हीरा पारखी ने कहा कि इसकी अनुमानित कीमत अभी नहीं बताई जा सकती।
उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में होने वाली नीलामी में इस हीरे को रखा जाएगा। नीलामी में हीरा बिकने पर रॉयल्टी काटने के बाद शेष राशि हीरा मालिक को प्रदान की जाएगी। श्री सिंह ने बताया कि दोनों मजदूर किसानों के द्वारा विधिवत दो-दो सौ रुपये का चालान जमा कर 10 बाई 10 मीटर की खदान खोदने का पट्टा लिया गया था।
जीवन में पहली बार मिला इतना बड़ा हीरा
दिलीप मिस्त्री ने बताया कि हम चार लोग पार्टनर हैं जो कि 6 माह से हीरा खदान खोद रहे हैं। हमारे द्वारा निजी खेत में सरकारी पट्टा बनवाकर खदान खोद रहे हैं। हमें मेहनत के बाद जिंदगी में पहली बार हीरा मिला है। हमारे द्वारा इसी खेत में खेती की जाती है बस किसी तरह दिन गुजारा करते थे। हम लोगों ने सोचा कि लाकडाउन में कोई कार्य नहीं है खदान खोदी जाए बस ईश्वर की कृपा हुई और हमें इतना बड़ा हीरा मिला है। हम चारों लोग अपने बच्चों के लिए इस रुपये का उपयोग करेंगे। हमारी खदान में अभी कुछ चाल शेष है जिसमें हीरा बिनाई की जाएगी।
बीस वर्षों की मेहनत लाकडाउन में हुई सफल
लखन यादव ने बताया कि हमें खदान लगाए हुए चार माह हो गए। हमारी आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर रही है। मेरे द्वारा करीब बीस वर्षों से हीरा खदान लगाई जा रही थी लेकिन लाकडाउन की वजह से खदान में काम करने का मुझे ज्यादा समय मिल गया और भगवान ने हमारी सुन ली जो हमें इतना ब.डा हीरा मिला।