पुलिस वालों की नाक के नीचे से किडनेपर ले उड़े थे रूपयों का बैग
जबलपुर। सादे कपड़ों में तैनात पुलिस मुंह ताकती रह गई और हत्या व अपहरण के आरोपित सड़क से नीचे उतरकर नाले के किनारे रखा आठ लाख रुपये से भरा बैग लेकर आसानी से लेकर निकल गए। ऐसा करने वाले तीन आरोपित पुलिस के 200 जवान व अधिकारियों की टीम पर भारी पड़े। आरोपितों ने सरेआम बालक का अपहरण किया। उसके माता-पिता से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती के आठ लाख रुपये मिलने से पहले बालक की हत्या कर दी। इस दौरान वे कई घंटे कभी अकेले तो कभी बालक को साथ लेकर कार में जगह-जगह घूमते रहे। इससे साफ है कि पुलिस की कथित चाक-चौबंद व्यवस्था धरी रह गई।
आरोपितों ने आदित्य के पिता मुकेश लांबा को 16 अक्टूबर की रात फिरौती की रकम लेकर खजरी खिरिया बायपास पहुंचने को कहा था। वे आठ लाख रुपये लेकर खजरी खिरिया पहुंचे तो आरोपितों ने बैग नाले के किनारे रखने को कहा। मुकेश ने निर्धारित स्थान पर बैग रख दिया। नाले के इर्द-गिर्द सादे कपड़ों में पुलिस के जवानों का पहरा लगाया गया था। इसके बाद दो आरोपित सफेद रंग की एक्टिवा से वहां पहुंचे और आसानी से बैग लेकर चले गए। पुलिस ने उस समय उनका पीछा तक नहीं किया।
तिलसानी में बना ली थी ठिकाने लगाने की योजना
जानकारी के अनुसार अपहर्ता आदित्य को कार में लेकर करौंदा बायपास से सिहोरा मझगवां मार्ग होते हुए तिलसानी, कुंडम बघराजी घुमाते रहे। 16 अक्टूबर की दोपहर वे बघराजी से लौट रहे थे। तिलसानी के पास मुख्य आरोपित रहे राहुल उर्फ मोनू विश्वकर्मा ने लघुशंका करने के लिए कार रुकवाई। इस दौरान मोनू के चेहरे पर लगा मास्क हट गया। उसका चेहरा देखते ही कार में बैठे आदित्य ने अन्य दो आरोपितों से कहा कि वह तो अंकल को पहचानता है। अंकल उसके घर भी आए थे। मोनू कार में बैठा तो दोनों आरोपितों ने बताया कि आदित्य ने उसे पहचान लिया है। इसके बाद तीनों आरोपित आदित्य को लेकर करौंदा बाइपास के समीप स्थित हाउसिंग बोर्ड के खंडहरनुमा मकान में पहुंचे।
आरोपितों ने साथी जग्गी को बताया कि नहीं मिली रकम, बालक हो गया फरार
अपहर्ताओं ने 15 अक्टूबर की रात भर आदित्य को खंडहरनुमा मकान में बंद रखा था। अगले दिन एक आरोपित की पहचान होने के बाद उसे फिर उसी मकान में लाया गया। जहां मोनू और मलय ने कहा कि वे आदित्य को लेकर फिरौती की रकम लेने जा रहे हैं। लौटने तक करण जग्गी को वहीं इंतजार करने के लिए कहा। दोनों आदित्य को लेकर कार से रवाना हो गए। शाम साढ़े 5 से छह बजे के बीच जलगांव पनागर पहुंचे और आदित्य के मुंह में कपड़ा ठूंसकर गला घोंट दिया। उसकी मौत हो जाने के बाद शव को फुटबाल की तरह नहर में लुढ़का दिया और भाग गए। दोनों खंडहरनुमा भवन में लौटे और जग्गी को बताया कि बालक भाग गया और फिरौती की रकम भी नहीं मिली। बालक का शव घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर दूर नहर की चोई में फंसा मिला। मासूम को कितनी बेरहमी से मारा गया था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी आंखें बाहर निकल आई थीं और जीभ मुंह के भीतर पलट गई थी।
वारदात में प्रयुक्त एक कार के तार नरसिंहपुर पुलिस से जुड़े
वारदात में प्रयुक्त एक कार के तार नरसिंहपुर पुलिस से जुड़े होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपितों द्वारा उपयोग में लाई गई एक कार नरसिंहपुर जिले में पदस्थ पुलिस के प्रधान आरक्षक की है। कार को प्रधान आरक्षक का भाई चलाता था। कार किस परिस्थिति में आरोपितों तक पहुंची, यह जांच का विषय है। इधर, पुलिस का कहना है कि वारदात में प्रयुक्त दो कार व दो अन्य दो पहिया वाहन जब्त किए गए हैं। इनमें से एक कार किराये पर ली थी।
बघराजी में एक्टिव मिले थे आरोपितों के नंबर
अपहृत आदित्य की तलाश में पुलिस के 200 जवान संभावित ठिकानों की खाक छान रहे थे। पुलिस की तकनीकी टीम भी उनकी पतासाजी में जुटी थी। मोबाइल की टावर लोकेशन व पीएसटीएन डेटा निकाला जा रहा था। आदित्य के माता-पिता से बात करने के बाद आरोपितों ने मोबाइल बंद कर लिया था। जब मोबाइल बंद किया था तब उनकी लोकेशन बघराजी कुंडम के आसपास रही। टावर लोकेशन के आधार पर पीएसटीएन डेटा निकाला गया तो करीब 800 मोबाइल नंबर मिले, जिनमें आरोपितों के मोबाइल नंबर सक्रिय मिले।
मुझे मार डालो, जीना नहीं चाहता, किया आत्महत्या का प्रयास
सूत्रों के अनुसार आरोपितों को गिरफ्तार कर खमरिया थाने में रखा गया था। जहां मुख्य आरोपित रहा राहुल उर्फ मोनू चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था कि 'मुझे मार डालो, मैं जीना नहीं चाहता।' इस बीच उसने कथित तौर पर फांसी लगाने का भी प्रयास किया था। सूत्रों का कहना है कि मोनू को अपराधबोध हो गया था, लिहाजा आत्मग्लानिवश जान देने का प्रयास कर रहा था।