IIT delhi ने बनाया हैंड सैनिटाइजर, दाम भी कम और गुणवत्ता भी बेहतर
coronavirus की वजह से दुनियाभर में आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है क्योंकि लोग जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाजार में टूट पड़े हैं। इस बीच जिस चीज की सबसे ज्यादा कमी हो गई है, वह है फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर। लिहाजा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने इस कमी से निपटने के लिए एक प्रतिभाशाली तरीका खोजा। उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में हैंड सैनिटाइजर बनाए हैं, जिसे बेहद मामलू दाम में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि बाजार में ऊंची कीमतों में फर्जी हैंड सैनेटाइजर बेचे जा रहे हैं।
इस बीच आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया है कि किस तरह से संस्थान को बड़ी मात्रा में हैंड सैनिटाइजर खरीदना मुश्किल हो रहा था। जब वे उपलब्ध थे तब भी, विक्रेता अत्यधिक मात्रा में उसके लिए चार्ज कर रहे थे और उनकी गुणवत्ता भी संदिग्ध थी। इस स्थिति से निराश राव ने रसायन विज्ञान के प्रोफेसरों में से एक से पूछा कि क्या वह कॉलेज के लिए कुछ तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, इतनी छोटी सी बात के लिए आपको आईआईटी प्रोफेसर की जरूरत नहीं है, यह काम हमारे तकनीकी कर्मचारी ही कर सकते हैं।
उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा- दो दिनों में हमारे पास 50 लीटर हैंड सैनिटाइजर बन गया, जो डब्ल्यूएचओ के मानक का है और आईआईटी प्रोफेसर द्वारा प्रमाणित है। इसे लोगों को मामूली दाम में दिया जा रहा है। बाद में उन्होंने अन्य विभागों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें आवश्यक स्थिति में कुछ लेने के लिए कहा। राव ने यह पोस्ट 20 मार्च को शेयर की थी, जिस पर अब तक 11,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं आई हैं और 3,200 से अधिक शेयर मिले हैं।
राव की इस वायरल फेसबुक पोस्ट से लोग बेहद प्रभावित हैं। एक फेसबुक यूजर ने कमेंट किया- संकट के इन दिनों में IIT दिल्ली की इस सराहनीय कार्रवाई के लिए मैं आपको सलाम करता हूं। एक अन्य पोस्ट में लिखा गया- "असली नायक"। एक अन्य यूजर ने लिखा- यह अविश्वसनीय है। क्या आईआईटी दिल्ली राहत शिविरों में सैनेटाइजर्स को दान कर सकता है?
IIT दिल्ली की वेबसाइट पर सैनिटाइटर के बारे में विवरण भी शेयर किया गया है। वेबसाइट में कहा गया है कि एलोवेरा के साथ तीन रसायनों को इसे बनाने में शामिल किया है और प्रमुख घटक आइसोप्रोपिल अल्कोहल (लगभग 75 फीसद) है।