पूर्व CJI रंजन गोगोई ने ली राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ
जस्टिस रंजन गोगोईरंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं. उन्होंने सीजेआई का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला. 18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की. उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे. जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था. 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. जस्टिस गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने.
सिब्बल ने पूछे थे सवालरंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य मनोनित होने का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रंजन गोगोई से पांच सवाल पूछे थे. उन्होंने कहा था, 'रंजन गोगोई कृपया यह भी बताएं कि अपने ही केस में खुद निर्णय क्यों? लिफाफा बंद न्यायिक प्रणाली क्यों? चुनावी बॉन्ड का मसला क्यों नहीं लिया गया? राफेल मामले में क्यों क्लीन चिट दी गई? सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया गया?'
12 सदस्यों को किया जाता है मनोनितपूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. बता दें कि राज्यसभा में 12 सदस्यों को राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किया जाता है. ये सदस्य समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां होती हैं. जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए.