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पूर्व CJI रंजन गोगोई ने कहा, शपथ के बाद बताऊंगा, क्‍यूं लिया राज्‍यसभा में जाने को फैसला


Former CJI Ranjan Gogoi पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के राज्यसभा में नामांकन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। लेकिन गोगोई ने कहा है कि वह शपथ लेने के बाद इस पर विस्तार से बात करेंगे कि उन्होंने नामांकन का प्रस्ताव क्यों स्वीकार किया।

यहां अपने आवास पर मिलने आए पत्रकारों से गोगोई ने कहा, 'मैं संभवत: कल दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ लेने दें। उसके बाद मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने इसे क्यों स्वीकार किया और राज्यसभा क्यों जा रहा हूं?" सोमवार को जारी एक अधिसूचना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गोगोई तेरह महीने तक प्रधान न्यायाधीश रहने के बाद पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे।

कांग्रेस ने गोगोई के नामांकन पर सवाल उठाते हुए सरकार की आलोचना की है। मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सीजेआई गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने की सिफारिश करने से पहले अपने पूर्व सहयोगी स्वर्गीय अरुण जेटली की सलाह पर विचार किया। जेटली ने जजों के कूलिंग पीरियड के बारे में बात की थी। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि इस तरह के नामांकन से न्याय व्यवस्था में लोगों का भरोसा कम होगा।

राज्यसभा चुनाव में आज नाम वापसी, भाजपा के दूसरे प्रत्याशी पर टिकी नजर
राज्यसभा के 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए नाम वापसी का बुधवार को अंतिम दिन है और राजस्‍थान में सभी की नजर अंतिम समय पर नामांकन भरने वाले भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत पर लगी है। पिछले दो दिन से पार्टी के नेता कांग्रेस में सेंधमारी की सम्भावनाएं तलाशने में जुटे हैंं।

राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में संख्या बल के लिहाज से दो पर कांग्रेस और एक पर भाजपा की जीत लगभग तय है। दोनों पर्टियों ने इसी हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतारे भी थे, लेकिन अंतिम समय पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ओंकार सिंह लखावत का नामांकन भी दाखिल करा दिया गया, जबकि पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार राजेन्द्र गहलोत है। अब बुधवार को नाम वापसी है और राजस्थान में सबकी नजर इस बात पर लगी है कि लखावत नाम वापस लेते है या चुनाव मैदान में डटे रहते है। वे नाम वापस नहीं लेते है तो मतदान कराना पडेगा, अन्यथा तीनों प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए जाएंगे।

पायलट गुट के विधायकों से उम्मीद
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी को भी लखावत की जीत की उम्मीद नहीं है, क्योंकि इतने वोट नहीं है कि उन्हें जिताया जा सके। पार्टी की उम्मीद सिर्फ उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट के विधायक और कुछ निर्दलीय है। कांगे्रस की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी तय करने में पायलट गुट की अनदेखी की गई है और पार्टी इसी अंसतोष को भुनाने की जुगत में लगी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड और कुछ अन्य नेता पिछले दो दिन से विधायकों से सम्पर्क साध रहे है। इसके लिए पूनिया और राठौड दिल्ली भी गए। इस पूरी कवायद का नतीजा बुधवार को नाम वापसी में ही सामने आएगा।

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