700 से अधिक जहाजों के 25 हजार से ज्यादा यात्रियों को तटों से वापस भेजा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने अबतक 700 से अधिक जहाजों के 25 हजार से अधिक यात्रियों और उनके चालक दल के सदस्यों को भारतीय तटों पर नहीं उतरने दिया है। जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारी के द्वारा यह जानकारी दी गई है। माल चढ़ाने और उतारने पर पाबंदी के अलावा सरकार ने एक फरवरी के बाद कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से आये किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रूज जहाज, चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के प्रवेश पर पिछले सप्ताह 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी। अधिकारी के मुताबिक 13 मार्च तक 703 जहाजों से 25,504 यात्री और चालक दल के सदस्य चीन या अन्य प्रभावित देशों से भारतीय तटों पर पहुंचे। हालांकि, कोरोना वायरस के फैलने की आशंका से एहतियात के तौर पर उनको उतरने नहीं दिया गया।
सभी को निर्धारित स्थान पर ठहरने को कहा गया है, लेकिन 26 जनवरी के बाद ऐसे किसी भी चालक दल के सदस्यों और यात्रियों को कोई तटीय पास नहीं जारी किया गया।' अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक विदेश से आये जहाजों के सभी यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों को स्कैन किया जा रहा है और उनको सभी जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। इस मामले में सभी जरूरी नियमों का पालन किया जा रहा है और बुखार तथा बीमारी की स्थिति में लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है।
भारत में 12 बड़े बंदरगाह-दीनदयाल (कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मार्मागुआ, न्यू मेंगलुरु, कोच्चि, चेन्नाई, कामराजार (इन्नाोर), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता हैं। सरकार ने पिछले महीने सभी 12 बड़े बंदरगाहों को कोरोना वायरस के मद्देजनर समुद्री कर्मचारियों और क्रूज यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग, डिटेक्शन, पृथक सुविधा केंद्र की तत्काल व्यवस्था करने का आदेश दिया था।