CAA के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को कांग्रेस ने पैसे बांटे
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों द्वारा देशभर में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का केंद्र देश की राजधानी दिल्ली का शाहीनबाग भी बना। इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर अब सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के पोते का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वे CAA को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने तो कांग्रेस सहित विपक्ष पर लोगों को पैसा बांटकर विरोध प्रदर्शन कराने तक का आरोप लगा दिया है।
वायरल वीडियो में कही यह बात
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक यूजर गीतिका स्वामी ने एक वीडियो पोस्ट किया है। यह वीडियो मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के पोते का बताया जा रहा है। इस वीडियो में मौलाना के पोते कह रहे हैं कि सीएए का विरोध नाजायज है। लोगों को पता ही नहीं है कि वह किस चीज का विरोध कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने भारत बचाओ रैली जब की थी उस वक्त लोगों को पांच सौ, हजार रुपए देकर बुलाया गया था। सीएए आने से विपक्ष के नीचे से जमीन सरक गई है इसलिए वह भड़ास निकाल रहा है।
मौलाना के पोते ने आगे कहा मुस्लिमों को सीएए गलत तरीके से समझाया गया। सीएए को एनआसरी से जोड़ा जा रहा है जो सिर्फ असम के लिए था। दरअसल विपक्ष को मोदी जी हजम नहीं हो रहे हैं। पीएम मोदी आज दुनिया के सबसे ताकतवर नेता हैं, ऐसे में विपक्ष खासकर कांग्रेस को वह हजम नहीं हो रहे है।
शाहीनबाग को बनाया प्रदर्शन का केंद्र
नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद से ही इसे लेकर अलग-अलग राज्यों में विरोध दर्ज हुआ। इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर राज्यों से हुई। हालांकि कुछ वक्त में वहां हालात काबू में आ गए लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में हिंसक घटनाएं सामने आईं। सबसे ज्यादा हालात दिल्ली के बिगड़े। सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों द्वारा लगभग तीन महीने से रास्ता रोका गया है। इसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।
हाल ही में दिल्ली में सीएए के विरोधियों और समर्थकों के बीच हिंसा भड़क गई जिसने देखते ही देखते दंगों का रुप ले लिया और दिल्ली पूरी तरह से थम गई थी। सीएए प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स द्वारा जमकर भड़ास भी निकाली जा रही है।