ममता ने कहा, बंगाल में रहने वाले सभी बांग्लादेशी भारतीय नागरिक, 119 कॉलोनियों को किया नियमित
कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का खुलकर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा कदम उठाया है। ममता ने राज्य की 119 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित कर दिया है। इसके बाद यह भी कहा है कि राज्य में रहने वाले सभी बांग्लादेशी भारत के निवासी हैं और उन्हें कोई नहीं निकाल सकता। जिन कॉलोनियों को नियमित किया गया है उनमें 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थी रह रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को दो-टूक कहा कि बंगाल में रह रहे सभी बांग्लादेशी भारतीय नागरिक हैं। उत्तर बंगाल के दौरे पर पहुंची ममता ने कालियागंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा-"जो लोग बांग्लादेश से आए हैं और यहां मतदान कर रहे हैं, वे भारतीय नागरिक हैं। उन्हें नए सिरे से नागरिकता के लिए आवेदन करने की जरुरत नहीं है। वे ही पीएम और सीएम निर्वाचित करते आ रहे हैं और अब उन्हें ही कहा जा रहा है कि वे इस देश के नागरिक नहीं हैं।" ममता ने के बार फिर दोहराया कि बंगाल में रह रहे किसी भी शरणार्थी को नागरिकता से वंचित नहीं किया जाएगा। वे बंगाल से एक भी व्यक्ति को निकालने नहीं देंगी।
दिल्ली हिंसा को लेकर बरसीं
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुई हिंसक वारदातों को लेकर भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा-"मत भूलिए, यह बंगाल है। दिल्ली में जो हुआ, वो बंगाल में होने नहीं दिया जाएगा। हम बंगाल को दूसरी दिल्ली या उत्तर प्रदेश में बदलते देखना नहीं चाहते।"
...तो बंगाल में हुईं हिंसात्मक घटनाओं की भी निंदा कीजिए!
दिल्ली हिंसा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रायोजित नरसंहार वाले विवादास्पद बयान पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा-"हर तरह की हिसा की निंदा की जानी चाहिए। चुनकर हिसा की किसी घटना की निंदा करना सही नहीं है। इस मामले में राजनीतिक भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता।" धनखड़ हावड़ा में एक कार्यक्रम में मीडिया से मुखातिब थे।