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Pariksha Pe Charcha के दौरान पीएम मोदी ने खोला राज, लोगों ने मना किया था, फिर भी इसलिए गए थे चंद्रयान-2 की लॉचिंग देखने


Pariksha Pe Charcha प्रोग्राम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों के सामने इस बात का राज खोला कि वे चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देखने इसको मुख्यालय क्यों गए थे। पीएम ने बताया कि कई लोगों ने उन्हें 6 सितंबर 2019 को इसरो मुख्यालय नहीं जाने की सलाह दी थी। कहा गया था कि यह लॉन्चिंग फेल हो गई तो क्या होगा? इस पर पीएम ने कहा था कि यदि ऐसा है तो मैं जरूर जाऊंगा। इस तरह पीएम ने छात्रों से कहा कि असफलता से कभी नहीं डरना चाहिए। इसी दौरान पीएम ने इसरो में हुआ पूरा घटनाक्रम बताया।
पीएम मोदी ने कहा, 'लाॉचिंग केसमय मैं इसरो मुख्यालय में था। सभी बड़े वैज्ञानिक वहां थे। लॉन्चिंग से कुछ मिनट पहले मैंने देखा कि वैज्ञानिकों के चेहरे के हावभाव बदलने लगे हैं। अगले 10 मिनट बाद बताया गया कि लॉन्चिंग नाकाम रही। मैं कुछ देर वहीं रहा, फिर अपनी होटल लौट आया, लेकिन सो नहीं सका। बहुत देर रात दो चुकी थी। रात 3 बजे मैंने अपने अधिकारियों को बुलाया। सब सो चुके थे, सभी को उठाया।'
'मैंने पूछा कि क्या अगले दिन का मेरा प्रोग्राम बदल सकता है? क्या अभी देर रात तक जागने वाले वैज्ञानिक सुबह जल्दी फिर इसरो आ सकते हैं? मैं चाहता तो अगली सुबह वहां से चला जाता। कोई मुझे कुछ नहीं कहता, लेकिन यह मुझे सही नहीं लगा। अगले दिन सुबह मैं फिर इसरो गया। वहां वैज्ञानिकों से मिला। उनका उत्साहवर्धन किया, तो माहौल ही बदल गया। यह आप सब ने टीवी पर देखे।'
'मुद्दे की बात यह है कि आपने रवैया क्या है। यदि सकारात्मक रवैया है तो नकारात्मकता से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।'
मिशन चंद्रयान में आपका योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो।
जब सफलता नहीं मिली तो आप भी डिमोटिवेट हुए।
किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हैं

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