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राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR) को मिली मोदी कैबिनेट की हरी झण्‍डी


 

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NCR) को लेकर देश में राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच आज मोदी कैबिनेट की बैठक में एक और बड़ा फैसला ले लिया है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) के अपडेशन पर मुहर लगा दी है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर बैठक की जानकारी दी। जावड़ेकर ने बताया कि 2020 में 16वीं जनगणना होने जा रही है। इस बार इसमें ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। एनपीआर में इस नई तकनीक का इस्तेमाल होगा।

जावड़ेकर ने बताया कि जनगणना में किसी भी दस्तावेज की जरुरत नहीं पड़ेगी। NPR से सही लाभार्थी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

बता दें आज सुबह 10.30 बजे एनडीए सरकार की कैबिनेट बैठक शुरू हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में NPR पर चर्चा की गई, जिसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने की जानकारी सामने आ रही है। बता दें कि नागरिकता कानून बनाने के बाद देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष भी सड़कों पर उतर आया है, ऐसे में NPR पर कैबिनेट क्या फैसला लेता है इस पर सबकी नजर है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि बैठक में अटल जल योजना के लिए 6 हजार करोड़ की मंजूरी दी गई है। 7 राज्यों के 8350 गांवों को इसका लाभ मिलेगा।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) में देश के हर नागरिक का लेखा-जोखा रहेगा। इस रजिस्टर में हर नागरिक को अपना नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। किसी भी इलाके में 6 महीने से रहने वाले लोगों को इस रजिस्टर में नाम लिखाना होगा।

पश्चिम बंगाल, केरल सरकार कर रही विरोध
मोदी कैबिनेट की बैठक में NPR को लेकर आज चर्चा हो सकती है। वहीं इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केरल सरकार द्वारा पहले ही अपना विरोध जताना शुरू कर दिया गया है। हालांकि NPR का एनआरसी और सीएए से कोई लेना देना नहीं है। NPR के तहत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक नागरिकों का डाटाबेस तैयार करने घर-घर जाकर जनगणना की जाएगी।

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