बंगाल के 6 जिलों में इंटरनेट बंद, राज्यपाल बोले- CAA लागू नहीं करने का सरकारी विज्ञापन हटाएं ममता
कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए Citizenship Amendment Act (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन से रविवार देर रात राजधानी दिल्ली झुलसती नजर आई। जामिया में हुई हिंसा, आगजनी और पुलिस के लाठीचार्ज पर राजनीति हो रही है वहीं पश्चिम बंगाल में भी बवाल थमा नहीं है। रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मुर्शिदाबाद व अन्य इलाकों में विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों पर लगाम के लिए राज्य सरकार ने एहतियातन छह जिलों में अस्थाई रूप से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
जानकारी के अनुसार, नागरिकता कानून के विरोध में उत्पातियों ने मुर्शिदाबाद के पास रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। रेल पटरी पर टायर जलाकर ट्रेन संचालन ठप करने एवं ट्रेनों में पथराव की घटनाएं भी हुईं। एहतियातन कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। उपद्रवियों ने स्थिति संभालने पहुंची पुलिस और RPF की चार गाड़ी को भी आग लगा दी। आरपीएफ और जीआरपी को निशाना बनाकर पथराव और स्टेशनों में लूटपाट भी हुई। इसके शिकार कुछ RPF कर्मी हुए हैं जिन्हें घायल अवस्था में इलाज के लिए बेलदंगा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों को भी विरोध का सामना करना पड़ा।
मालदा में भी कुछ ऐसे ही हाल हैं और उपद्रवियों ने यहां के भालुका रेलवे स्टेशन पर हमला कर तोड़फोड़ की और टिकट काउंटर को आग के हवाले कर दिया।
राज्यपाल बोले- विरोध वाले विज्ञापन हटाए ममता
जहां एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बंगाल में विरोध प्रदर्शन हो रहे रहे हैं वहीं राज्य में राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच भी तकरार जारी है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने सीएए और एनआरसी पर सरकार की ओर से जारी विज्ञापन को असंवैधानिक करार दिया है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से परेशान लोगों की मदद करने का भी अनुरोध किया है।
रविवार को राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरी राज्य के लोगों से अपील है कि वे शांति बनाए रखने के लिए और परेशानी में फंसे लोगों की मदद करने के लिए सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री कम से कम विज्ञापन हटाएंगी क्योंकि वे असंवैधानिक हैं और यह पब्लिक फंड का आपराधिक इस्तेमाल है।
गौरतलब है कि बंगाल समेत कई राज्यों की सरकारों ने अपने यहां नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं करने का एलान किया है। इससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल में एनआरसी और सीएए दोनों लागू नहीं किए जाएंगे।