राज्यसभा में आज पेश होगा नागरिकता संशोधन विधेयक
नई दिल्ली। मोदी सरकार की असली परीक्षा आज नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को राज्यसभा में पारित कराना होगा। नागरिक संशोधन विधेयक राज्यसभा में दोपहर बारह बजे रखा जाएगा। इस पर छह घंटे बहस के लिए निर्धारित किए गए हैं। विपक्षी दलों ने इसे रोकने के लिए कमर कस ली है। इस उच्च सदन में भगवा पार्टी के पास संख्याबल कम है, जिससे उसके सामने इस संवेदनशील नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराना बड़ी चुनौती होगी।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उच्च सदन में विधेयक के पारित कराने में विभिन्न पार्टियों के बीच संतुलन बैठाने के लिए शीर्ष नेता, गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में अपनी भूमिका निभाएंगे।
भाजपा के एक महासचिव व एक अन्य राज्यसभा सदस्य का कहना है कि पार्टियों के बीच केमिस्ट्री बनाना ही राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। लेकिन अब कुछ खाली सीटों के साथ सदन की ताकत 238 है। भाजपा को विधेयक को पारित करने के लिए 120 वोटों की आवश्यकता है। उच्च सदन में भाजपा के 83 सांसद हैं और उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास कुल 94 सांसद हैं।
भाजपा के 83 सांसदों के अलावा, राजग में जनता दल (युनाइटेड) के छह सांसद, शिरोमणि अकाली दल के तीन और लोक जनशक्ति पार्टी व भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के एक-एक सांसद भी हैं। राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद हैं। भाजपा को 11 से समर्थन का भरोसा है, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी, स्वपन दासगुप्ता, राकेश सिन्हा भी शामिल हैं।
अगर 11 और राज्यसभा सदस्यों को जोड़ लिया जाए तो राजग के सदस्यों की गिनती 105 तक पहुंच जाएगी, जहां उसे अभी भी 15 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होगी। यहीं पर भाजपा की 'केमिस्ट्री' काम आ सकती है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक के लिए एक सुगम मार्ग बना सकती है, ताकि पार्टी 120 के आंकड़े तक पहुंच सके।
राज्यसभा में देखें मोदी सरकार का आंकड़ा....
नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में जिन दलों ने समर्थन किया था। इस इसाब से इनकी संख्या 119 है। इनमें भाजपा के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11, अकाली दल के 3,जेडीयू के 6 वाईएसआर कांग्रेस के 2, एलजेपी के 1, आरपीआई के 1 और 4 नामित राज्यसभा सदस्य हैं।
विपक्ष के पास 100 सदस्य...
नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष का जिस तरह से रुख अपना रखा है। इस इसाब से राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने में बहुत मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, वामदल के 6 और डीएमके के 5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य हैं। इसके अलावा टीडीपी के 2, मुस्लिम लीग के 1 पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस के 1 और टीआरएस के 6 सदस्य हैं। इस प्रकार विपक्ष के पास 100 सदस्य होते हैं।
इन 21 सदस्यों पर रहेगी विशेष नजर...
सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ खड़े दलों के अलावा राज्यसभा में 21 सदस्य बच रहे हैं। इनके रुख पर भी बहुत कुछ निर्भर करता हैं। इनमें शिवसेना के 3, असम गण परिषद के 1, बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के 1, एमडीएमके 1, नागा पीपुल्स के 1, पीएमके के 1 और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1 राज्यसभा सदस्य हैं। इसके अलावा 6 राज्यसभा सदस्य निर्दलीय और अन्य के हैं।