उन्नाव रेप पीडि़ता का आज होगा अंतिम संस्कार, पिता ने कहा-दोषियों को दिलवाऊंगा फांसी
लखनऊ। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार की रात को दम तोड़ दिया था। पीड़ता 90 फीसद तक जल चुकी थी। पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें मीडिया से बेटी की मौत के बारे में जानकारी मिला। प्रशासन की तरफ से कोई भी उन्हें सूचना देने नहीं आया। वह दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड की सजा दिलाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसमें चाहें एक साल का समय लगे या 20 साल का। पीड़िता के पिता की मांग है कि दोषियों को या तो फांसी दी जाए या फिर हैदराबाद की तरह उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा जाए।
मगर, मरने से पहले उसने अपने भाई से कहा था कि उन्हें छोड़ना मत। पीड़िता के शव का शनिवार की रात करीब नौ बजे को उत्तर प्रदेश के उसके गांव में जैसे ही पहुंचा, परिजनों का दर्द छलक उठा। पूरे गांव में गम और गुस्से के माहौल के बीच किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पीड़िता का रविवार सुबह अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि, उन्नाव के जिला मजिस्ट्रेट देवेंद्र पांडेय ने कहा कि अंतिम संस्कार का समय अभी तय नहीं है। दो मंत्री अंतिम संस्कार पूरा नहीं होने तक वहां मौजूद रहेंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भेजा है। सीएम योगी ने कहा है कि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
यह हैवानित की थी पीड़िता के साथ
पीड़िता ने बताया था कि गुरुवार सुबह 4 बजे वह ट्रेन पकड़ने के लिए बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। इस बीच, मौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर, शुभम, शिवम और उमेश ने उसे घेर लिया और डंडे, चाकू से वार किया। इस बीच जब वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर गई तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया।
बताते चलें कि पीड़िता के साथ गैंगरेप के आरोपियों ने उसे गुरुवार सुबह जिंदा जला दिया था। करीब 90 फीसद तक झुलसी हालत में पीड़िता ने पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी थी। लखनऊ में प्राथमिक उपचार दिए जाने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां, वह शुक्रवार की रात को जिंदगी की जंग हार गई थी। परिवार ने पीड़िता के शव को जलाने की बजाय उसे परिवार की जमीन पर दफनाने का फैसला किया है।