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अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी नित्‍यानंद ने बसाया नया देश, नाम रखा कैलासा



वॉशिंगटन।  अपहरण और दुष्कर्म के मामले में गुजरात पुलिस स्वंयभू बाबा नित्यानंद के ठिकानों की तलाश कर रही है। उसने मंगलवार को यू-ट्यूब चैनल पर लाइव आकर त्रिनिदाद और टोबैगो के पास एक द्वीप से 'परमशिवम गन्याम' पर उद्बोधन दिया। उसके आश्रम की ओर से संचालित एक वेबसाइट में दावा किया गाय है कि इस द्वीपीय देश का नाम कैलासा है, जो एक हिंदू राष्ट्र है। कैलासा का अपना झंडा, पासपोर्ट और प्रतीक है।

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, नित्यानंद ने मध्य लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर के द्वीप को खरीदा है और इसे एक स्वतंत्र, नया राष्ट्र घोषित किया है। इसे बिना सीमाओं का देश बताया गया है, जिसे दुनियाभर से बेदखल हिंदुओं ने बसाया है, जिन्होंने अपने देशों में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने का अधिकार खो दिया है।

हालांकि, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि नित्यानंद देश से भागने में कैसे कामयाब हो गया, जबकि उसका पासपोर्ट एक्पायर हो गया है। चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि नए बनाए गए देश कैलासा का अपना पासपोर्ट है। पासपोर्ट के प्रतीकों में कैलासा का ध्वज, जिसे ऋषभ ध्वजा कहा जाता है और नित्यानंद के साथ नंदी, भगवान शिव का पर्वत भी शामिल है।

वेबसाइट का कहना है कि नए देश में एक मंदिर आधारित पारिस्थितिकी तंत्र, थर्ड आई के पीछे विज्ञान, योग, ध्यान और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था है। इस देश में सार्वभौमिक मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन और सभी के लिए एक मंदिर-आधारित जीवन शैली देने की बात कही गई है। देश में चलने वाली भाषाओं नें अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जमीन या द्वीप को खरीदकर 'राष्ट्र' घोषित करना 'मजाक' नहीं है। अन्य देशों को इसे एक राष्ट्र के रूप में स्वीकार करना होगा और संयुक्त राष्ट्र को भी इसे मान्यता देनी होगी। एक सूत्र ने कहा कि विदेश मंत्रालय आश्रम के इस दावे के गंभीरता से नहीं ले रहा है। जांच एजेंसियां ​​पिछले कुछ हफ्तों से वेबसाइट पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। माना जा रहा है कि वेबसाइट को साल 2018 में बनाया गया था और कुछ महीने पहले ही इसे अपडेट किया गया था। इसका आईपी एड्रेस संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास, डलास के होने का पता चला है। कर्नाटक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि विवादास्पद धर्मगुरु के स्थान के बारे में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दुष्कर्म के मामले में साल 2012 में जमानत पर छूटने के बाद उनके ठिकाने का पता नहीं चला है। उसे कर्नाटक में नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट काल्पनिक है और यह अमेरिका में रहने वाले उसके शिष्यों में से किसी एक का काम है। अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक सीआईडी ​​और गुजरात पुलिस ने भगोड़े बलात्कार के आरोपी नित्यानंद का पता लगाने में मदद करने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है।

बिदादी के एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह बहुत बुद्धिमान व्यक्ति है। उनकी कानूनी टीम बहुत मजबूत है। उन्होंने कई विदेशियों और प्रभावशाली लोगों का ब्रेनवॉश किया है। यद्यपि हम उसके पूरे द्वीप को खरीदने की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन वह ऐसा कर सकता है।

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