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ISRO चीफ ने किया दावा, हमनें पहले ही ढूंढ लिया था विक्रम लैंडर का मलबा



नई दिल्ली। भारत द्वारा चंद्रयान 2 मिशन के तहत चांद की सतह पर विक्रम लैंडर भेजा गया था जिसकी अंतिम वक्त में क्रेश लैंडिंग हो गई थी। हाल ही में नासा (NASA) ने विक्रम लैंडर का मलबा खोज निकालने की जानकारी साझा करते हुए इसका श्रेय चेन्नई के एक इंजीनियर को दिया था। इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के प्रमुख के सिवन का एक बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि इसरो (ISRO) ने नासा से पहले ही चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग करने वाले विक्रम लैंडर का मलबा ढूंढ लिया था। एक सवाल के जवाब में सिवन ने कहा कि 'हमारे अपने ऑर्बिटर ने ही विक्रम लैंडर को लोकेट कर लिया था, इस बारे में हम पूर्व में ही हमारी वेबसाइट पर जानकारी दे चुके हैं, आप पीछे जाकर इसे देख सकते हैं।'

नासा ने दिया था चेन्नई के इंजीनियर को श्रेय
नासा ने इसरो द्वारा चंद्रयान 2 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर के मलबे को खोजने का दावा किया था। इसके लिए उन्होंने भारतीय इंजीनियर को भी श्रेय दिया था। चेन्नई के रहने वाले शनमुगा सुब्रमण्यम ने चांद की पुरानी और लैंडर क्रेश होने के बाद की तस्वीरों का अध्ययन कर नासा को लैंडर क्रेश होने की जगह बताई थी। उस जगह पर खोजने पर नासा को लैंडर का मलबा मिला था। ऐसे में नासा ने आधिकारिक मेल कर चेन्नई के इस शख्स को मेल भेजा था।

अंतिम क्षणों में चंद्रयान 2 मिशन में हुई थी चूक
चंद्रमा की दक्षिणी सतह की परिस्थितियों का जायजा लेने के लिए भारत ने चंद्रयान 2 मिशन को लांच किया था। इसके तहत ISRO ने सफलता पूर्वक एक ऑर्बिटर चंद्रमा के ऑर्बिट में स्थापित कर दिया था। वहीं विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारा जा रहा था, जब दूरी चंद सौ मीटर रह गई थी उसी वक्त इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था और इस वजह से विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी। भारत के इस ऐतिहासिक मिशन पर दुनियाभर की निगाहें थी। लैंडर अगर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर जाता तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंडर उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन जाता।

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