अयोध्या फैसले के खिलाफ 6 दिसंबर को याचिका दायर करेगा AIMPLB, श्री श्री बोले यह दोहरा मापदंड
अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है। इस पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Shri Shri Ravi Shankar) ने आपत्ति ली है। श्री श्री का कहना है कि यह मुस्लिम पक्ष को दोहरा मापदंड है, क्योंकि सुनवाई से पहले सभी कह रहे थे कि सर्वोच्च अदालत का जो भी फैसला आएगा, वह मंजूर होगा। बता दें, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा चुनौती दी जाएगी और आगामी 6 दिसंबर को याचिका दायर की जाएगी।
इस बीच, जमीयत उलमा-ए-हिंद (JuH) सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर करेगा जिसमें 6 दिसंबर को अयोध्या के फैसले की समीक्षा करने की मांग की जाएगी। बता दें, इसी दिन बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। यह याचिका जमीयत के यूपी महासचिव मौलाना अशहद रशीदी द्वारा दायर की जाएगी, जो अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के 10 याचियों में से एक हैं।
इससे पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि देश में 99 फीसदी मुसलमान चाहते हैं कि अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मामले में पक्षकार नहीं है, फिर भी वह याचिका दायर करने की बात कह रहा है। बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी के मुताबिक, मुस्लिम कानून में भरोसा करते हैं इसलिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह भरोसा टूटा है। रहमानी यह भी कहते हैं कि उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाएगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करें।