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Google ने प्लेस्टोर से हटाया भारत विरोधी खालिस्तानी ऐप '2020 सिख रेफरेंडम'


चंडीगढ़: गूगल(Google) ने भारत विरोधी '2020 सिख रेफरेंडम' खालिस्तानी ऐप को प्लेस्टोर (Playstore) से हटा दिया है. कुछ अलगाववादी सिख संगठन '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप के माध्यम से पंजाब में लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे थे. इसको लेकर पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने गूगल से अपने प्लेस्टोर से '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप हटाने की मांग की थी.

पंजाब के मुख्यमंत्री के ऑफिस के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि गूगल ने अपने प्लेस्टोर से '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप को हटा दिया है. अब गूगल प्लेस्टोर पर '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप मौजूद नहीं है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गूगल से अपने प्लेस्टोर से '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप हटाने के लिए कहा था और गूगल ने उनकी मांग पर ही कार्रवाई करते हुए '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप को प्लस्टोर से हटा दिया है.

इसके अलावा एक वेबसाइट yes2khalistan.org को भी धड़ल्ले से इंटरनेट पर चलाया जा रहा था. जब हमनें '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप और वेबसाइट yes2khalistan.org की जांच करवाई तो हमें पता चला कि इस ऐप और वेबसाइट के माध्यम से अलगाववादी सिख फॉर जस्टिस संगठन लोगों को भड़काने के साथ-साथ पंजाब के वोटरों का डेटा (Data) भी चुरा रहा था. गूगल ने अब अपने प्लेस्टोर से '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप को हटा दिया है और वेब सर्वर से वेबसाइट yes2khalistan.org को भी ब्लॉक कर दिया गया है.

क्या है '2020 सिख रेफरेंडम' ?
कुछ अलगाववादी सिख संगठन भारत से पंजाब को अलग करने की मांग कर रहे हैं. ये संगठन दुनियाभर में भारत के ख़िलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रहे हैं कि साल 2020 में एक जनमत संग्रह (Referendum) होने वाला है, जिससे तय होगा कि सिखों को एक अलग देश मिलना चाहिए या नहीं. इसी भारत विरोधी एजेंडे का नाम सिख अलगाववादी संगठनों ने '2020 सिख रेफरेंडम' रखा है. गूगल प्ले स्टोर में '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप एक फ्री थी. इस ऐप के जरिए लोगों को भारत के खिलाफ चल रहे कैंपेन में जोड़ा जा रहा था.

आपको बता दें कि इससे पहले गूगल को अपने प्लेस्टोर पर '2020 सिख रेफरेंडम' ऐप रखने के लिए सोशल मीडिया पर फजीहत झेलनी पड़ी थी. सोशल मीडिया पर लोगों ने गूगल को जमकर फटकार लगाई थी. ट्विटर पर गूगल के ख़िलाफ नाराज़गी जताते हुए लोगों ने गूगल को सलाह दी थी कि गूगल को भारत विरोधी एजेंडे में शामिल होने से बचना चाहिए.


 

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