दुनिया का सबसे दुर्गम रणक्षेत्र सियाचिन पर्यटकों के शुरू हुआ
नई दिल्ली। दुनिया का सबसे दुर्गम और ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन अब सैनिकों के साथ पर्यटकों की आमद से गुलजार होगा। भारतीय सेना ने सियाचिन ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए खोल दिया है। सियाचिन ग्लेशियर बेहद मुश्किल इलाकों में से एक है और यहां कुछ समय भी गुजारना बेहद मुश्किल है। यह ग्लेशियर पूरी तरह से फौज के कब्जे में हैं और आम नागरिक को यहां पर जाने की अब तक मनाही थी।
25 साल पहले भारत ने सियाचिन ग्लेशियर को अपने कब्जे में लिया था और तब से यह भारत के कब्जे में है। सियाचीन की सीमाएं चीन और पाकिस्तान से लगती है इसलिए यहां पर खास चौकसी की जाती है। साल 1984 में पाक सेना ने इसके ऊपर कब्जा करने की योजना बनाई थी, लेकिन समय रहते भारतीय सेना को इसकी जानकारी लगते ही सेना तुरंत हरकत मे आई और ऑपरेशन मेघदूत छेड़कर सियाचिन पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद से लगातार इस इलाकें पर कब्जा जमाने की पाकिस्तानी कवायद जारी है। लेकिन सियाचिन में जंग से ज्यादा सैनिकों की शहादत खराब मौसम की वजह से हुई है। पाक सेना ने हमेशा इस इलाके में मुंह की खाई है।
सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना की चौकियां 14-15 हजार से लेकर 24 हजार फीट की ऊंचाई पर है। सियाचिन में सबसे बड़ा दुश्मन मौसम है। बारह महीनों बर्फ से ढंके इलाके में तापमान शून्य से 50 डिग्री नीचे चला जाता है। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सियाचिन को पर्यटकों के लिए खोलने का प्लॉन तैयार किया है। फिलहाल पर्यटक लद्दाख की नूब्रा वैली तक की सैर कर सकते हैं।