पॉंच बीवियों की जरूरतें पूरी करने, बन गया ठग, करी करोड़ो की ठगी
मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ बुधवार को बड़ी कामयाबी लगी. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में नर्स के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है.
दरअसल, पुलिस को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग महिलाओं को एम्स में नर्स की नौकरी का झांसा देकर उनसे रुपये ऐंठ रहे हैं जिसके बाद मामला एसटीएफ को सौंपा गया.
जांच और छानबीन के बाद एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना जबलपुर के दिलशाद खान और भोपाल के आलोक कुमार बामने को गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि ये गिरोह एम्स में नर्स के पद पर भर्ती कराने के नाम पर अब तक 50 से ज्यादा लड़कियों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है.
गिरोह के सरगना की हैं 5 बीवियां
एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी के मुताबिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गिरोह के सरगना दिलशाद खान की पांच बीवियां हैं जिनके रहन-सहन और भारी भरकम खर्चे को पूरा करने के लिए दिलशाद ठगी के काले धंधे में उतर गया था.
एसटीएफ के मुताबिक दिलशाद ने पूछताछ में बताया है कि उसकी एक पत्नी जबलपुर में निजी क्लिनिक चलाती है जबकि उसके साथी आलोक की पत्नी भोपाल में सरकारी गर्ल्स हॉस्टल की सुपरिटेंडेंट है.
बताया जा रहा है कि फिलहाल दोनों महिलाओं का सीधे तौर पर ठगी में कोई हाथ नहीं सामने आया है. लेकिन उनसे उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा सकती है. एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के निशाने पर पढ़ी लिखी युवती होती थीं जो नौकरी की तलाश में रहती थीं. एसटीएफ फिलहाल ये पता लगाने में जुटी है कि जिन युवतियों को इस गिरोह ने अपना शिकार बनाया है वो मध्य प्रदेश के किन किन शहरों या गांव की रहने वाली हैं.