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अयोध्या मामले में सुनवाई हुई पूरी, आज चेंबर में चर्चा करेंगे फैसला लिखने वाले जज


देश के सबसे पुराने व सबसे संवेदनशील अयोध्या विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को 40वें दिन पूरी हो गई। शाम पांच बजे तक का वक्त तय था, लेकिन गहमागहमी के बीच अदालत ने चार बजे ही सुनवाई खत्म कर दी। अब सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ गुरुवार को चेंबर में बैठेगी और फैसले पर विचार करेगी। इससे पहले हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एक पुस्तक व उसमें प्रकाशित रामजन्म भूमि का पुराना नक्शा पेश किया तो कोर्ट में मौजूद मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने उसे बकवास बताया और फाड़ दिया। इससे प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई नाराज हो गए। उन्होंने नसीहत दी कि वह बहस खत्म कर देंगे और उठकर चले जाएंगे। कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखने के साथ ही इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई है।

'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' पर तीन दिन में दे लिखित दलीलें
सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 6 अगस्त से विवाद की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। 16 अक्टूबर तक कुल 40 दिन कोर्ट ने हिंदू व मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनीं। बुधवार को सुनवाई पूरी होने के साथ कोर्ट ने सभी पक्षों को अगले तीन दिन में 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' पर लिखित में दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है। संविधान पीठ के प्रमुख सीजेआई गोगोई हैं। उनके अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर उसमें शामिल हैं।

क्या है 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ'
सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 के दीवानी प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 151 के तहत दो पक्षों की मांगों के अलावा तीसरे तरह का फैसला देने का अधिकार है। चूंकि अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष पूरी जन्मभूमि पर अपना दावा कर रहा है वहीं मुस्लिम पक्ष 1992 के पहले की बाबरी मस्जिद जमीन समेत जस की तस मांग रहा है, इसलिए यदि सुप्रीम कोर्ट तथ्यों, सबूतों व गवाहों के मद्देनजर दोनों पक्षों में से किसी एक के पक्ष में फैसला देने की स्थिति में ना हो तो वह'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' के तहत दोनों पक्षों की मांग के अलावा तीसरे विकल्प पर विचार कर फैसला दे सकती है।

धवन ने नक्शे के टुकड़े किए
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने कहा, 'हम 'अयोध्या रीविजिट' पुस्तक पेश करना चाहते हैं, जिसे रिटायर आईपीएस किशोर कुणाल ने लिखा है। इसमें राम मंदिर के पहले से अस्तित्व में होने के दावे किए गए हैं। इसमें सीता रसोई व सीता कूप के नक्शे से जगह की पहचान होती है कि यह रामजन्म भूमि ही है।' सिंह ने कोर्ट को वह नक्शा दिखाया और जैसे ही नक्शा धवन के पास पहुंचा तो उन्होंने यह दस्तावेज रिकॉर्ड में नहीं होने की बात कहते हुए उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इसके बाद धवन व हिंदू पक्ष के वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी।

जस्टिस गोगोई बोले-'हम उठकर चले जाएंगे'
मुस्लिम पक्ष के वकील के रवैए से सीजेआई गोगोई नाराज हो गए। उन्होंने इसका इजहार करते हुए कहा, 'अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे। जहां तक हम समझते हैं, बहस खत्म हो गई है।'

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