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ISRO ने शुरू की मंगलयान-2 की तैयारी, 2022 या 2023 में भेजेगा


भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) अगले तीन साल के अंदर पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवाएगा। इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए बताया कि 2022 या 2023 में वह भारत का सबसे बेहतरीन अंतरिक्ष मिशन दोबारा भेजने की तैयारी में जुट गया है। इस मिशन का नाम होगा - मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 (MOM-2). नाम से तो लग रहा है कि इस बार भी मार्स के चारों तरफ चक्कर लगाने वाला ऑर्बिटर भेजा जाएगा। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि मंगलयान पर लैंडर-रोवर भी भेजा जा सकता है।

पहले मंगलयान की लॉन्चिंग 5 नवंबर 2013 को की गई थी। लेकिन मंगल की कक्षा में इसे पहुंचने में 11 महीने लग गए थे। लेकिन इसरो वैज्ञानिकों ने मंगलयान को 6 महीने के लिए मंगल की कक्षा में भेजा था। लेकिन मॉम ने कभी निराश नहीं किया है। पांच साल हो गए काम करते हुए, अभी तक मंगल की जानकारियां पृथ्वी पर मौजूद इसरो के सेंटर्स में भेजता रहा है। इसरो के पहले मंगल मिशन ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़े थे।

आपको बताते जाए कि मंगलयान इसरो का इकलौता मिशन है जिसने पूरी दुनिया को अचरज में डाल दिया है। दुनिया भर ने इसरो वैज्ञानिकों की निपुणता का लोहा माना था। क्योंकि, इससे पहले किसी भी देश ने ये उपलब्धि हासिल नहीं की थी कि पहली ही बार में मंगल की कक्षा तक कोई अंतरिक्ष यान भेज सकें। इसरो की मॉम (MOM) ने निराश नहीं किया। वह पहली बार में ही मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया।

मंगलयान अब भी मंगल ग्रह के चारों तरफ अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इसकी मंगल ग्रह से सबसे नजदीकी दूरी (पेरीजी) 421.7 किमी और सबसे अधिक दूरी (एपोजी) 76,993 किमी है। पांच साल से अकेले मंगल ग्रह की कक्षा में काम करने के बावजूद मॉम थका नहीं है। दुनिया को लगातार हैरत में डाल रहा है।

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