सउदी अरब भारत में करेगा 7 लाख करोड़ का निवेश
नई दिल्ली। सऊदी अरब भारत में 100 अरब डॉलर यानी करीब सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक भारत में विकास की संभावनाओं को देखते हुए यह कदम उठाने जा रहा है। सऊदी अरब यह निवेश पेट्रोकेमिकल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और खनन समेत कई अन्य क्षेत्रों में करेगा। भारत में सऊदी अरब के राजदूत डॉ. सऊद बिन मुहम्मद अल सती ने कहा कि उनके देश के लिए भारत एक बेहद आकर्षक निवेश बाजार है। ऐसे में सऊदी अरब तेल, गैस व खनन जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर में भारत के साथ लंबी अवधि की साझेदारी का विचार बना रहा है। इस अवसर पर उन्होंने भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
राजदूत ने कहा, 'सऊदी अरब भारत में ऊर्जा, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, खनिज और खनन क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर के निवेश के बारे में विचार कर रहा है। देश की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी अरैमको और भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच प्रस्तावित साझेदारी से दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी स्पष्ट रूप से झलकती है।'
राजदूत का कहना था कि उनका देश भारत की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए गंभीरता के साथ प्रतिबद्ध है। ऐसे में जब कभी भी किसी अन्य स्रोत से ऊर्जा आपूर्ति में भारत को बाधा पहुंचेगी, तो ऐसे समय में सऊदी अरब उसकी भरपाई करेगा। अल सती के अनुसार अरैमको दुनियाभर के बाजार में ऑयल मार्केटिंग के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। इसलिए वह भारत में ऑयल सप्लाई, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स और ल्युब्रिकेंट्स में बड़ा निवेश करने जा रहा है। सऊदी अरैमको ने महाराष्ट्र में पेट्रोकेमिकल्स और वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी में 44 अरब डॉलर यानी करीब तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश का प्रस्ताव रखा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ लंबी अवधि की साझेदारी हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगड़ता को दर्शाती है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के विजन-2030 से भी भारत और अरब के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार के बड़े विस्तार की संभावना बनेगी। सऊदी अरब के राजदूत का कहना था कि दोनों देशों ने इस साल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में गठजोड़ और निवेश के लिए 40 से ज्यादा मौकों की पहचान की है। उनके अनुसार तेल व गैस के अलावा भी भारत और सऊदी अरब में आपसी कारोबार की बड़ी और अनछुई संभावनाएं हैं। भारत और सऊदी अरब में इस वक्त 34 अरब डॉलर यानी करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये का द्विपक्षीय कारोबार हो रहा है, जिसके लगातार बढ़ने की संभावना है।