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भारत ने दिया शांति का संदेश, पड़ौसी देश ने कही युद्ध की बात ..


संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के भाषण हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने जहां शांति का संदेश दिया, वहीं इमरान खान ने दुनिया को परमाणु हमले की धमकी दी। मोदी ने कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया, वहीं इमरान खान कश्मीर से ऊपर नहींं उठ पाए। पढ़िए दोनों नेताओं के भाषण का अंतर -

पीएम मोदी: भारत की संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिव देखती है। हमारा प्राणतत्व है कि जनभागीदारी से जनकल्याण हो और ये जनकल्याण भी सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि जगकल्याण के लिए हो।

इमरान खान: कश्मीर पर भारत की कार्रवाई के बाद परमाणु सम्पन्न देश आमने-सामने होंगे। कर्फ्यू हटने के बाद कश्मीर में खून-खराबा होगा, पुलवामा जैसे आतंकी हमले होंगे। फिर भारत हम पर आरोप लगाएगा। यदि उन्होंने कुछ किया तो पाकिस्तान क्या करेगा। हम आखिरी वक्त तक लड़ेंगे और परमाणु जंग इन दो देशों की सीमा से बाहर तक जाएगी।

पीएम मोदी: इस वर्ष पूरा विश्व महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश विश्व की शांति, प्रगति और विकास के लिए आज भी प्रासंगिक है।

इमरान खान: नफरत की विचारधारा ने ही महात्मा गांधी की हत्या की थी और इस विचारधारा के कारण ही 2002 में गुजरात में मुसलमानों का कत्लेआम किया गया था।

पीएम मोदी: सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में World Parliament of Religions के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- Harmony and Peace।

इमरान खान: कश्मीर में मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है। यही कारण है कि वे हथियार उठा रहे हैं। इस्लाम के नाम पर युवक हथियार नहीं उठा रहे हैं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार उठा रहे हैं।

पीएम मोदी: आतंक के नाम पर बटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर UN का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।

इमरान खान: मैं इस्लामोफोबिया पर भी बात करूंगा। इस्लामोफोबिया 9/11 के बाद बढ़ा। यह खतरनाक है। यह विभाजन पैदा कर रहा है। आज इसका ऐसा असर है कि हिजाब पहने भर से ही शक की निगाह से देखा जाने लगता है। हिजाब को भी हथियार मान लिया गया है। रेडिकल इस्लाम क्या है? इस्लाम केवल एक है और वह पैगंबर का इस्लाम है।

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