नासा के हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से मिली तस्वीरे, विक्रम लैंडर के बारे में दी अहम जानकारी
वाशिंगटन। भारत के मिशन चंद्रयान-2 का अहम हिस्सा विक्रम लैंडर चांद की सतह पर बेजान पड़ा हुआ है और इससे संपर्क की कोशिशें लगातार जारी है। इस बीच अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा ने एक बेहद ही अहम जानकारी दी है। नासा ने विक्रम लैंडर की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें जारी की हैं और बताया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी।
नासा द्वारा यह तस्वीरें इसके टोही कैमरे LROC की मदद से उलपब्ध कराई गई हैं। LROC ने विक्रम लैंडर की तस्वीरें तब ली थीं जब यह उस जगह से गुजर रहा था जहां विक्रम लैंडर की लैंडिंग हुई थी। इनके अनुसार, विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर मौजूद सिंपेलियस एन और मेंजियस सी क्रेटर के बीच एक एक आसान प्लेन पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की थी लेकिन इसका संपर्क इसरो से टूट गया।
नासा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि, चांद की सतह पर विक्रम लैंडर ने हार्ड लैंडिंग की थी और फिलहाल इसके सटिक स्थान का निर्धारण नहीं किया जा सका है। उस स्थान के ऊपर से गुजरते हुए एलआरओसी ने वहां के 150 किमी के दायरे की तस्वीरें ली हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार, विक्रम की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग 7 सितंबर को होनी थी लेकिन अंतिम वक्त में इसका इसरो से संपर्क टूट गया। दक्षिणी ध्रूव से 600 किमी दूर लोकेट की गई यह जगह संभवतः एक प्राचिन टैरेन है। LROC 17 सितंबर को इस जगह के ऊपर से गुजरा था और इस जगह की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें ली थीं। हालांकि, नासा की टीम अब तक इसमें लैंडर को नहीं देख पाई है।
गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में एलआरओएस के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर के अनुसार एलआरो अगली बार 14 अक्टूबर को फिर से उसी जगह से गुजरेगा और तब लाइट की स्थिति ज्यादा फेवरेबल होंगी। इस बार जो तस्वीर ली गई है उसमें काफी धूल थी और एक बड़ी छाया उस जगह को ढक रही थी। संभवतः विक्रम लैंडर इसी छाया में कही हो। अगले महीने जब एलआरो वहां से गुजरेगा तो वहां लाईट की स्थिति बेहतर होगी।