top header advertisement
Home - राष्ट्रीय << 6 माह के लिए भेजे गये मंगलयान ने पूरे किये 5 साल, अभी इतने समय तक कर सकेगा काम

6 माह के लिए भेजे गये मंगलयान ने पूरे किये 5 साल, अभी इतने समय तक कर सकेगा काम



नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-2 मिशन की पूरी दुनिया में चर्चा है। भले ही यह आशिंक रूप से असफल रहा, लेकिन इसरो की बड़ी उपलब्धि जरूर बन गया। इस बीच, भारत के मंगलयान मिशन से जुड़ी बड़ी खबर आई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. सिवनइस ने बुधवार को बताया कि लांचिंग के समय महज 6 महीने के लिए भेजे गए इस यान ने अभियान के 5 साल पूरे कर लिए हैं और यह अभी करीब एक साल और काम कर सकता है। जानिए मिशन और उससे जुड़ी अहम बातों के बारे में -

मार्स ऑर्बिटर मिशन (MoM) भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी अंतरिक्ष अभियान था। इसका अर्थ है कि यह पहला ऐसा अभियान था, जिसे धरती से इतर किसी अन्य ग्रह पर भेजा गया था। यह ऑर्बिटर मिशन है, यानी यह मंगल ग्रह की परिक्रमा करते हुए वहां से तस्वीरें भेज रहा है। यान अब भी तस्वीरें भेज रहा है और अभी कुछ समय और काम करता रह सकता है।

मंगलयान की सफलता की कहानी
ISRO ने मंगलयान को 5 नवंबर, 2013 को लांच किया था। साढ़े 9 महीने के सफर के बाद 24 सितंबर, 2014 को इसने सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था।

रॉकेट, यान व अन्य व्यवस्थाओं पर कुल 450 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
अभियान की सफलता के बाद यह भी चर्चा का विषय रहा था कि हॉलीवुड की फिल्म "ग्रेविटी" पर आई लागत से भी कम में भारत ने मंगलयान भेज दिया था।
हाल ही में भारत के मंगल अभियान पर बॉलीवुड में भी "मिशन मंगल" नाम से फिल्म आई है।

इसलिए बढ़ गई मंगलयान की उम्र
इसको के वैज्ञानिक एएस किरण कुमार ने बताया कि कोई अंतरिक्ष यान कितने समय तक काम करता रहेगा, इसमें इस बात की अहम भूमिका रहती है कि यान में ईंधन कितना बचा है। यान की कक्षा और दिशा को सही बनाए रखने के लिए ईंधन की जरूरत होती है। मंगलयान में अभी कुछ ईंधन बचा है। यान लांच करते समय कुछ जटिल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उसमें अतिरिक्त ईंधन भरा जाता है। लांचिंग से लेकर मंगल की कक्षा में पहुंचने तक की हर प्रक्रिया इतने सटीक तरीके से संपन्न हुई कि यान का अतिरिक्त ईंधन उसमें बचा रह गया।

Leave a reply