महाविद्यालयीन भूमि के सीमाकंन और स्वामित्व के लिये भूमि सुरक्षा अभियान
प्रदेश के महाविद्यालयों में उपलब्ध खुली भूमि की सुरक्षा तथा संबंधित अभिलेखों को अद्यतन करने की आवश्यकता को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 'भूमि सुरक्षा अभियान' चलाने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री हरिरंजन राव ने सभी शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिये हैं कि राजस्व अभिलेख में निर्धारित भूमि-स्वामी के कॉलम में महाविद्यालय का नाम अथवा उच्च शिक्षा विभाग का नाम अंकित किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि भूमि-स्वामी के कॉलम में कोई अन्य उल्लेख हो, तो उसे संशोधित करने के लिए स्थानीय नायब तहसीलदार/तहसीलदार को आवेदन प्रस्तुत करें। श्री राव ने निर्देश दिये कि महाविद्यालय के स्वामित्व में आने वाली भूमि का नजरी-नक्शा भी तैयार किया जाए। ताकि महाविद्यालय की भूमि की चारों सीमाओं के सम्पर्क में आने वाली भूमि, भवन, निर्मित व खाली जगह और अतिक्रमण की स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि भूमि की सीमा सुरक्षित करने के लिए तार अथवा फेंसिग अथवा ट्रेन्च खोदकर घने पौधे लगाकर चिन्हांकित करें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि भूमि का स्वामित्व एवं सीमांकन तय हो जाने के बाद प्रत्येक महाविद्यालय के लिए उपलब्ध भूमि पर आगामी 30 वर्षों के विकास के लिए निर्माण कार्यों आर्किटेक्चरल प्लान तैयार किया जायेगा, जिसे समयबद्ध तरीके से वर्षवार क्रियान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भूमि स्वामित्व के राजस्व अभिलेख, सीमांकन दर्शाते हुए नजरी-नक्शा एवं निर्माण कार्यों का आर्किटेक्चरल प्लान विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध कराया जाएगा। श्री राव ने 31 दिसम्बर 2019 तक समस्त कार्यवाही पूर्ण करने को कहा है।
बिन्दु सुनील