ऐतिहासिक क्षण के लिए बस कुछ ही घण्टे और, हिन्दुस्तान रखेगा जब चॉंद पर कदम
भारत अगले कुछ घंटे में इतिहास रचने जा रहा है. रात 1 बजे के बाद चंद्रयान-2 चांद पर लैंड करेगा. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए पीएम मोदी भी बेंगलुरु पहुंच चुके हैं. चंद्रयान-2 जैसे ही चांद की सतह पर कदम रखेगा, वैसे ही भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो चांद की सतह पर उतर चुके हैं. भारत ऐसा करने वाला चौथा देश होगा. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ही चांद की सतह पर अपने रोवर या लैंडर उतार चुके हैं. लेकिन खास बात ये है कि भारत का चंद्रयान-2 मिशन बाकी तीनों देशों के मून मिशन से किफायती है और थोड़ी-बहुत नहीं, बल्कि कई गुना कम लागत में तैयार हुआ है.
चंद्रयान-2 के चांद पर लैंडिंग में अब कुछ ही घंटे बच गए हैं. 7 सितंबर की रात 1:55 बजे विक्रम लैंडर की चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग होगी.
जो अभी तक दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया, वो मुकाम हिंदुस्तान हासिल करेगा. भारत का चंद्रयान-2 देर रात चांद के दक्षिणी हिस्से की सतह पर लैंड करेगा. चांद के इस हिस्से तक पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक पिछले काफी लंबे समय से दिन-रात एक करके इस मिशन को सफल बनाने में जुटे थे और अब वो पल आ गया है.
पीएम मोदी बेंगलुरु पहुंचे
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर देश के वैज्ञानिकों को सलाम किया और उनकी हौसलाअफजाई की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चंद्रयान-2 की लैंडिंग को देखने के लिए बेंगलुरु पहुंच चुके हैं. रात एक बजे मोदी इसरो सेंटर पहुंचेंगे. यहां वे 70 बच्चों के साथ लैंडिंग देखेंगे.
'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ के सिवन ने कहा कि हम एक ऐसी जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां इससे पहले कोई नहीं गया था. हम सॉफ्ट लैंडिंग के बारे में आश्वस्त हैं. हमें रात का इंतजार है. चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर अगर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब रहता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसके अलावा भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश भी बन जाएगा.
इसरो को भेजेगा तस्वीर
7 सितंबर की रात करीब 1.38 बजे चंद्रयान-2 चांद के ऊपर 35 किमी की ऊंचाई से सतह की तरफ जाना शुरू करेगा. करीब 10 मिनट बाद 7.4 किमी की ऊंचाई से इस पर ब्रेक लगाया जाएगा. ये ब्रेक उसके इंजन को विपरीत दिशा में स्टार्ट कर किया जाएगा. करीब दो मिनट बाद 1.50 बजे विक्रम लैंडर चांद की सतह की मैपिंग शुरू करेगा. इसके ठीक दो मिनट बाद यानी 1.52 बजे विक्रम लैंडर चांद की सतह की सबसे नजदीकी तस्वीर पृथ्वी पर इसरो सेंटर को भेजेगा.
इस तस्वीर को भेजने के बाद करीब 2-3 मिनट बाद यानी 1.55 बजे के आसपास वह चांद की सतह पर उतरेगा. इसके दो घंटे बाद यानी 3.55 बजे विक्रम लैंडर, रोवर के बाहर आने के लिए अपने दरवाजों को खोलकर रैंप बाहर निकालेगा. आधे घंटे बाद 4 बजकर 25 मिनट पर प्रज्ञान ऑन होगा.
सुबह 5.03 बजे प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल एक्टीवेट होगा. इसके करीब 16 मिनट बाद 5.19 बजे प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से रैंप के सहारे बाहर निकलेगा. उसे चांद की सतह पर उतरने में करीब दस मिनट लगेंगे. यानी 5.29 मिनट पर प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा. इसके बाद 5.45 बजे प्रज्ञान रोवर अपने यान यानी विक्रम लैंडर की सेल्फी लेकर पृथ्वी पर भेजेगा.