मुख्य सचिव श्री मोहंती ने सुश्री मेधा पाटकर को लिखा पत्र
नर्मदा बचाओ आन्दोलन और सुश्री पाटकर के 30 मुद्दों पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही की दी जानकारी
मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती ने नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर को आज लिखे एक पत्र में उनके साथ 24 अगस्त को भोपाल में हुई चर्चा में उठाये गये सभी 30 बिन्दु पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यावाही की जानकारी दी है। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार विस्थापितों के संरक्षण के लिये कटिबद्ध हैं।
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में सुश्री पाटकर को जानकारी दी है कि पुनर्वास कार्यों में विस्थापितों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक डूब ग्राम की ग्राम स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की जा चुकी है। इनमें जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विस्थापित शामिल किये गये हैं। वर्तमान सरकार द्वारा 115 नये परिवारों को राशि रू. 60 लाख हेतु पात्र माना गया है एवं गुजरात शासन से इस राशि की माँग की गई है। गुजरात शासन से राशि अभी तक अप्राप्त है। वर्तमान सरकार द्वारा मानसून 2019 में व्यापक स्तर पर डूब से बचाव और राहत की व्यवस्था की गई है। इनमें ग्राम स्तरीय दल गठन, बोट, नाव एवं वाहन व्यवस्थाएँ, भोजन एवं अस्थाई आवास व्यवस्था की गई है जिससे कि डूब क्षेत्र रिक्त कर रहे लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
मुख्य सचिव ने पत्र में बताया है कि इसके अतिरिक्त नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा विभिन्न पैकेजों के अन्तर्गत राशि का भुगतान प्राप्त विस्थापितों की सूची वेबसाइट पर डाली जा चुकी है। पुनर्वसाहट स्थलों पर सभी जरूरी विकास कार्य कराये गये हैं और सतत रूप से कराये जायेंगे। डूब क्षेत्र के जो परिवार पहले विस्थापित सूची में शामिल होने से छूट गये थे उनकी पात्रता का पुन: परीक्षण कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने पत्र में सुश्री पाटकर से अपेक्षा व्यक्त की है कि वे राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाही से सहमत होंगी।
एनबीए के मुद्दों पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही
क्र |
विवरण |
अद्यतन स्थिति |
रिमार्क |
1 |
सरदार सरोवर विस्थापितों के सभी मुद्दों पर विस्तृत पत्र। |
इस आशय का कोई पत्र प्राप्त नहीं है। मात्र एक सूची प्राप्त हुई है जिसमें विभिन्न निम्नलिखित आवेदनों के विवरण अंकित है। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। |
कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। |
2 |
सर्वोच्च अदालत के फैसले 8 फरवरी 2017 के अनुसार 60 व 15 लाख की पात्रता रखने वालों को भुगतान के सम्बन्ध में आवेदन पत्र |
सर्वोच्च न्यायालय के 8 अगस्त, 2017 के आदेश के पालन में अब तक "भूमि के बदले भूमि" के लिये राशि रू. 60 लाख के पात्र विस्थापित, झा-आयोग की सूची अनुसार फर्जी रजिस्ट्री होने के आधार पर डयूब्ड विस्थापित को राशि रू. 15 लाख एवं राज्य शासन 5 जून, 2017 के आदेश के पालन में राशि रू. 15 लाख के क्रमश: 723, 893 एवं 1015 विस्थापितों को भुगतान कर सूची नर्मदा घाटी विकास विभाग की वेबसाइट पर डाली जा चुकी है।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
3 |
नर्मदा घाटी विकास विभाग के 5 जून से सितम्बर, 2017 तक के आदेशों पर अमल करवाने संबंधी पत्र। |
अब तक 1782 विस्थापितों में से अब तक 1015 विस्थापित रू. 15 लाख का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। शेष 767 विस्थापित जी.आर.ए. से राशि प्राप्त कर सकते हैं। सभी प्रकरण तैयार कर जी.आर.ए. भेजे जा चुके हैं एवं राशि बैंक खाते में जमा है। शिकायत पत्र के अन्य बिन्दुओं जैसे 5.80 लाख का भुगतान, आवासीय भूखण्ड आवंटन आदि का भी उत्तर दिया गया है।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
4 |
अलीराजपुर जिले में तथा गुजरात और मध्यप्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में आज तक बसे हुए आदिवासियों की समस्या संबंधी पत्र। |
इस पत्र के साथ कोई सूची/दस्तावेज आदि प्राप्त नहीं हुई है जिससे विशिष्ट प्रकरण में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा सकें। तथापि अलीराजपुर का संपूर्ण डूब क्षेत्र रिक्त हो चुका है। मान्य विस्थापित परिवारों को पात्रता अनुसार पुनर्वास के लाभ भी दिये गये हैं। जहाँ पुल अथवा वैकल्पिक रास्ता बनाने की आवश्यकता होगी, वहाँ शासन द्वारा मार्ग आदि के निर्माण कार्य कराये जाएंगे।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
5 |
ग्राम-साला, धरमपुरी, जिला-धार, के 48 मकानों को बेक वाटर लेवल से बाहर करने संबंधी पत्र। |
प्रकरण की जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि इस ग्राम के 48 मकान बेक वाटर से ऊपर हैं। इन मकानों तक पहुँचने के लिये सीसी रोड बनाए जा चुके हैं। अत: 48 मकानों के के टापू बनने की आशंका निराधार है।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
6 |
मध्यप्रदेश शासन नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा जारी पत्र 1 जून, 2018, क्र. एफ-31 अगस्त, 2018 के आदेश को निरस्त करने बाबत पत्र। |
नर्मदा घाटी विकास विभाग के पत्र दिनांक 01 जून एवं 31 अगस्त, 2018 में पुनर्वास नीति के प्रावधानों एवं शिकायत निवारण प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार को स्पष्ट किया गया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि प्राधिकरण में पंजीबद्ध लंबित प्रकरणों में यदि आवेदक पहले से परियोजना का मान्य विस्थापित नहीं है, तो ऐसे प्रकरणों में नीति के प्रावधान अनुसार संबंधित पुनर्वास अधिकारी के समक्ष विस्थापित घोषित करवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ प्रकरण समाप्त करें। साथ ही भविष्य में मान्य विस्थापितों के आवेदनों का ही पंजीयन करें। |
कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
7 |
विस्थापित मछुआरों को सरदार सरोवर जलाशयों पर ठेका तथा पंजीयन की हुई मत्स्य सहकारी समिति को कल्चर, नाव, जाल, बीज संचय और वाहन सुविधा देने बाबत पत्र । |
नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-31 जून/2017/27-1 भोपाल 27 जून मई, 2017 की कंडिका 6 में दिये गये निर्देश अनुसार विस्थापित मछुआरों की सहकारी समिति बनाकर उन्हें मत्स्याखेट के अधिकार दिये जाने की आवश्यक कार्यवाही के लिये सबंधित जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। कलेक्टर बड़वानी द्वारा 13, कलेक्टर धार द्वारा 11 एवं कलेक्टर अलीराजपुर द्वारा 11 सहकारी समितियों का गठन कर उन्हें प्रशिक्षण आदि भी दिया जा चुका है। नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-31-7/2017/27-1 भोपाल दिनांक 22 जून, 2017 द्वारा सरदार सरोवर जलाशय में मत्स्य प्रबंधन एवं मत्स्याखेट के अधिकार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों की संयुक्त समिति बनाकर उसे सौंपे जाने एवं व्यवसाय से होने वाले लाभ का विभाजन तीनों राज्यों में वितरित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
8 |
उच्च न्यायालय (खण्डपीठ इन्दौर) के आदेशों का पालन करवाने बाबत। |
नर्मदा बचाओ आन्दोलन को अवगत कराया गया है कि उच्च न्यायालय के 12 ऐसे आदेशों के विरूद्ध जिनमें मात्र सह खातेदार होने के आधार पर 2-2 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की पात्रता दी गई थी, सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिकाएँ दायर की गई हैं। इस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश भी पारित किया गया है। अत: ऐसे ही अन्य प्रकरण में भी पालन की कार्यवाही स्थगित रखी गई है।
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नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पत्र 16 अगस्त, 2019 द्वारा भूमि के बदले भूमि श्रेणी के अतिरिक्त 106 प्रकरणों के पात्र 115 विस्थापितों को राशि रू. 60 लाख के भुगतान करने हेतु राशि रू. 69 करोड़ की मांग गुजरात से की गई है। राशि प्राप्त होने के बाद भुगतान किया जाएगा। |
9 |
जीआरए के समय-सीमा में कार्य के 28 नवंबर 2017 के आदेश अनुसार अमल करवाने के संदर्भ में |
पत्र के हर बिन्दु पर विस्तृत उत्तर दिया गया है। उत्तर में पुनर्वास स्थल पर नागरिक सुविधा की अद्यतन स्थिति स्पष्ट की गई है। कार्यालय आयुक्त (पुनर्वास/फील्ड) इन्दौर के पत्र क्रमांक 3094 एवं 31 अगस्त, 2019 द्वारा नर्मदा बचाओ आन्दोलन को अवगत कराया गया। |
वर्तमान में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
10 |
नर्मदा विकास प्राधिकरण के मालिकी की भूमि पर बसे पुनर्वास स्थलों पर गैर कानूनी तरीके से की गई रजिस्ट्रियों को शून्य घोषित कर, प्रकरण की जाँच कर सख्त कार्यवाही के संदभ्र में। |
आवश्यक जाँच कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करने का अनुरोध कलेक्टर बड़वानी से पत्र क्रमांक 2561 दिनांक 18 जुलाई, 2019 द्वारा किया गया है।
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कलेक्टर बड़वानी द्वारा प्रकरण में विधि अनुसार समुचित कार्यवाही की जायेगी। |
11 |
ऐसे किसान, जिनकी जमीन पुनर्वास स्थल में अर्जित की गई, के संबंध में आवेदन पत्र। |
जिन किसानों की भूमि पुनर्बसाहट स्थल हेतु अर्जित की गई है उन्हें सभी लाभ दिये जाने के प्रकरण में उच्च न्यायालय, इंदौर के समक्ष राज्य शासन की रिव्यू पिटीशन क्रं.1444/2018 विचाराधीन है।
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उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से पुनर्वास स्थल हेतु अर्जित भूमि के भूमिस्वामियों को पुनर्वास के समस्त लाभ वर्तमान में नहीं दिये जा सकते हैं। |
12 |
मूलचंद पिता झापड़िया के आदेश का पालन कर जिन किसानों की जमीन पुनर्वास स्थल पर गई, है उन सभी को नीति अनुसार लाभ के संदर्भ में। |
जिन किसानों की भूमि पुनर्बसाहट स्थल हेतु अर्जित की गई है उन्हें समस्त लाभ दिये जाने संबंधी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, इंदौर में राज्य शासन की रिव्यू पिटीशन क्रं. 1444/2018 विचाराधीन है।
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उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से पुनर्वास स्थल हेतु अर्जित भूमि के भूमि स्वामियों को पुनर्वास के समस्त लाभ वर्तमान में नहीं दिये जा सकते हैं। |
13 |
छूटे परिवार की सम्पत्ति का सर्वेक्षण कर उन्हें मुआवजा और अन्य लाभ प्रदान करने के संबंध में। |
नर्मदा बचाओ आन्दोलन को अवगत कराया गया है कि राज्य शासन द्वारा अर्जन से छूटी हुई सम्पत्तियों का अर्जन कर भुगतान किया जा चुका है। यदि कोई सम्पतिधारक आवेदन प्रस्तुत करता है कि उसका मकान सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षित बैक वाटर के मूल अवार्ड के समय स्थित था एवं अर्जन से छूट गया है तो उस प्रकरण में गुण-दोषों पर विचार के बाद कार्यवाही की जा सकेगी। इस संबंध में शासन आदेश दिनांक 15 अप्रैल 2015 की छायापति भी संलग्न कर आवेदक को उपलब्ध कराई गई है।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
14 |
उच्च न्यायालय (खण्डपीठ इंदौर) के आदेशों (महिला खातेदार, सह खातेदार इत्यादि) पर अमल करवाने के संबंध में। |
शिकायत निवारण प्राधिकरणस द्वारा जिन व्यक्तियों के सिर्फ सहखातेदार पृथक विस्थापित परिवार निर्मित नहीं करते हैं, उन आदेशों का पालन वर्तमान में इस आधार पर स्थगित रखा गया है कि इस विषय-वस्तु के अन्य प्रकरणों में वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। इसके अतिरिक्त 115 विस्थापितों को रू. 60 लाख की राशि भुगतान किये जाने का प्रस्ताव राज्य शासन द्वारा गुजरात शासन को राशि 69 करोड़ उपलब्ध कराने हेतु प्रेषित किया गया है। गुजरात से राशि प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। शिकायत के साथ संलग्न 208 आवेदन उपरोक्त वर्णित विषय-वस्तु के होने से स्थगित रखे गये हैं।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
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सरदार सरोवर क्षेत्र में अवैध रेत खनन के संबंध में। |
नर्मदा बचाओ आन्दोलन को अवगत कराया गया है कि अवैध रेत खनन के संबंध विधि अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को 25 जुलाई 2019 को दिये जा चुके हैं।
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कोई कार्यवाही लंबित नहीं। |
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जीआरए के आदेशों (2 हेक्टेयर जमीन या विशेष पुनर्वास अनुदान की पात्रता वाले) पर अमल। नमूना के रूप में 208 परिवारों की सूची संलग्न |
वस्तुस्थिति बिन्दु क्रमांक 14 में स्पष्ट की गई है। |
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नर्मदा घाटी के सभी बांधों के संदर्भ में। |
प्रत्येक डूब ग्राम हेतु ग्राम ग्राम स्तरीय पुनर्वास समिति तथा चारों जिलों में जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की जा चुकी है। इनमें न सिर्फ स्थानीय विस्थापित बल्कि जन-प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी सम्मिलित किये गये हैं। शिकायत पत्र में कुछ नीतिगत बिन्दु जैसे झा आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही, सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपील याचिकाएँ वापिस लेना आदि भी उठाये गये हैं, जिनमें राज्य शासन स्तर पर ही निर्णय लिया जा सकता है।
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पत्र में अन्य कुछ नीतिगत बिन्दु उठाये हैं। |
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25 अपात्र व्यक्तियों को 60 लाख का गलत भुगतान |
आयुक्त (पुनर्वास/फील्ड) नघाविप्रा, इन्दौर के पत्र क्रमांक 1417 दिनांक 20 अप्रैल, 2019 के प्रतिवेदन अनुसार किसी अपात्र व्यक्ति को रू. 60 लाख का भुगतान होना नहीं पाया गया।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
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वचन पत्र में नर्मदा घाटी के मुद्दों पर अमल के सम्बंध में। |
पत्र के प्राप्त सेट में इस आशय की कोई शिकायतों प्राप्त नहीं हुई हैं।
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नीतिगत एवं विधिक विषय। |
20 |
सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा लगाई गई याचिकाएँ वापस लेने के संदर्भ में। |
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21 |
पिछली सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में लगाई पुनर्विचार याचिका को वापस लेने के संबंध में। |
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22 |
नर्मदा घाटी में पेड़ कटाई के संबंध में। |
सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र में वर्तमान में किसी भी जिले में वृक्ष कटाई किये जाने की सूचना अप्राप्त है। यदि अवैध रूप से वृक्ष कटाई की कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित कलेक्टर द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
23 |
2 हे. से अधिक जमीन डूब में आने वाले प्रभावित परिवारों के संबंध में। |
जिन विस्थापितों की 2 हे. से अधिक भूमि अर्जित की गई है उन्हें भी राशि रू. 60 लाख ही देय होगी जैसा कि शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा प्रकरण क्रमांक 169/2016 एवं अन्य में तथा उच्च न्यायालय की इन्दौर खण्डपीठ रिट पिटीशन नं. 16369/2017 में आदेशित किया है।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
24 |
झा-आयोग की रिपोर्ट के ऊपर कार्यवाही के संबंध में। |
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 8 फरवरी, 2017 में झा आयोग से संबंधित सभी सिविल एवं क्रिमिनल प्रकरणों को समाप्त किया गया हैं। |
नीतिगत एवं विधिक विषय है। |
25 |
BWL में अवैज्ञानिक तरीके से बदलाव के संदर्भ में। |
एन.डब्ल्यू.डी.टी. अवार्ड के प्रावधान अनुसार बैक वाटर लेवल का निर्धारण केन्द्रीय जल आयोग द्वारा किया जाता है। सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षित बैक वाटर को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की 80वीं बैठक दिनांक 12 मई, 2018 में मान्य किया गया है। |
नीतिगत विषय है। |
26 |
धरमपुरी क्षेत्र के पुनर्वास स्थलों के मुद्दों पर। |
पत्र में उल्लेखित प्रत्येक पुनर्वास स्थल का बिन्दुवार उत्तर नर्मदा बचाओ आन्दोलन को भेजा जा चुका है।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
27 |
सुप्रीम कोर्ट के जिन याचिकाकर्ताओं को अतिक्रमण वाली जमीन दी गई है, उनके संबंध में। |
याचिकाकर्ताओं को धार जिले में भूमि आवंटित की गई है उन्हें आवंटित भूमि का कब्जा प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े इस आशय का अनुरोध कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक धार से दिनांक 27 अगस्त, 2019 को किया जा चुका है।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
28 |
मूल गाँवों में स्कूल चलाने के संबंध में। |
कलेक्टर बड़वानी एवं धार को दिनांक 19 जुलाई, 2019 को आवश्यक निर्देश दिये जा चुके हैं। जिन समस्याग्रस्त ग्रामों में स्कूल संचालन प्रारंभ हो चुका है उनके नामों से भी अवगत कराया गया है।
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कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। |
29 |
NWDT अवार्ड अनुसार भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास हेतु निधि के स्रोत के संदर्भ में। |
पत्र के प्राप्त सेट में इस आशय की कोई शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं।
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नीतिगत विषय है। |
30 |
रेत खनन के संबंध में विस्तृत पत्र। |
अवैध रेत खनन के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिनांक 25 जुलाई, 2019 को दिये जा चुके हैं।
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कार्यवाही सतत प्रक्रियाधीन रहेगी। |
सुरेश गुप्ता