पीएम मोदी ने उर्दू में सदेश लिख दी जम्मू-कश्मीर वासियों को बधाई
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है. राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी इसे पास कर दिया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र के लिए इसे गौरव का क्षण बताया. यही नहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए अपनी बात अलग-अलग भाषाओं में लोगों के सामने रखी. इन भाषाओं में अंग्रेजी, हिंदी के अलावा उर्दू और पंजाबी भाषा भी शामिल है.
अस किट्ठे आं तां ऐं, किट्ठे होइयै इक सौ 30 करोड़ भारतवासियें दे सुखनें गी पूरे करगे।
साढ़े संसदीय लोकतंत्र दा इक ऐतिहासिक मौका, जित्थै जम्मू कश्मीर कन्नै सरबंधत महत्वै आले बिल मते समर्थन कन्नै पास करी लैते गे न।
इस कारण जम्मू कश्मीर गी फायदे होंगन।
मैं जम्मू-कश्मीर दे भैनें ते भ्राएं गी उन्दी हिम्मत ते संकल्प लेई सलाम करना। केइएं स्वार्थी दलें, केइएं बरें लेई भावनात्मक ब्लैकमेल कीता, कदें बी लोकें दे सशक्तिकरण आस्तै नेईं सोचेआ। जम्मू-कश्मीर हुन उन्दे चंगुल थमां मुक्त होई गेया ऐ। इक नमां सवेरा, बेहतर कल इंतजार करारदा ऐ।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही संसद में अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सरिंग नामग्याल के भाषण की सराहना की. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "मेरे युवा मित्र लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल ने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख विधेयकों पर चर्चा करते हुए लोकसभा में एक शानदार भाषण दिया. वह लद्दाख से हमारी बहनों और भाइयों की आकांक्षाओं को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत करते हैं. इसे जरूर सुनें."
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही संसद में अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सरिंग नामग्याल के भाषण की सराहना की. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "मेरे युवा मित्र लद्दाख के सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल ने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख विधेयकों पर चर्चा करते हुए लोकसभा में एक शानदार भाषण दिया. वह लद्दाख से हमारी बहनों और भाइयों की आकांक्षाओं को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत करते हैं. इसे जरूर सुनें."
इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनके भाषण का लिंक भी साझा किया. जम्यांग ने अपने 17 मिनट के भाषण में कश्मीर पर सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि लद्दाख के लोगों की दलील आखिरकार स्वीकार कर ली गई. उन्होंने कहा, "मोदी है, तो मुमकिन है."
जम्यांग ने कहा, "अनुच्छेद-370 के खत्म होने के बाद कश्मीर के माननीय सदस्य कह रहे थे कि हम हार जाएंगे. वैसे मैं कहूंगा कि अब दो परिवार अपनी आजीविका खो देंगे."
उन्होंने कहा, "कश्मीर में अब एक उज्जवल भविष्य होगा. लद्दाख सांसद ने कहा कि कारगिल के लोगों ने 2014 के संसदीय चुनाव में केंद्र शासित प्रदेश के लिए मतदान किया और 2019 के चुनाव में भी यह मुद्दा शीर्ष पर रहा." उन्होंने कहा, "आप किसी भी युद्ध को याद कर लीजिए, लद्दाखियों ने हमेशा देश के प्यार के लिए अपना बलिदान दिया है.
बता दें कि संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी.