मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति भारत में अवैध तरीके से कर रहे थे प्रवेश, पुलिस ने पकड़ा
नई दिल्ली: मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर एक कार्गो जहाज में छुपकर भारत में दाखिल होना चाहते थे लेकिन तूतीकोरिन के तट पर पकड़े गए. इस सिलसिले में मालदीव की पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह समुद्र के रास्ते देश छोड़कर भागने की कोशिशों में थे लेकिन पकड़े गए. मालदीव पुलिस के मुताबिक अदीब पर सार्वजनिक संपत्ति के गलत इस्तेमाल, कदाचार और मनी लॉड्रिंग के आरोप हैं. वहां की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी देश से बाहर यात्राओं पर पाबंदी लगा रखी है. इन आरोपों में 31 जुलाई, 2019 को उनको मालदीव पुलिस के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होना था लेकिन वह पेश नहीं हुए. मालदीव पुलिस सर्विस अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से बात कर अहमद अदीब अब्दुल गफूर को वापस मालदीव लाने की कोशिश कर रही है. गफूर को देश छोड़कर भागने में मदद करने वाले भी आपराधिक जांच का हिस्सा होंगे.
भारतीय अधिकारियों ने नाव पर पूछताछ की
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब से तमिलनाडु के तूतीकोरिन तट के निकट तटरक्षकों व आव्रजन अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है. अदीब एक जहाज (कार्गो टग्बोट) पर सवार थे. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "तूतीकोरिन बंदरगाह से जहाज विर्गो9 मालदीव गया था. इसकी वापसी की यात्रा पर अदीब जहाज पर सवार हो गए. तटरक्षक बल व आव्रजन विभाग के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. "
भारत में शिपिंग एजेंट से जहाज पर एक अतिरिक्त सदस्य के सवार होने की सूचना पर जहाज पर सवार भारतीय अधिकारी अदीब से पूछताछ कर रहे हैं. अधिकारी अदीब के जहाज पर चढ़ने व दूसरी अन्य जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रहे हैं. जहाज विर्गो 9 सिंगापुर में पंजीकृत है. अदीब 2015 में मालदीव के उप राष्ट्रपति थे. इसके बाद अवश्विास प्रस्ताव के द्वारा उन्हें उपराष्ट्रपति पद से हटा दिया गया. सूत्रों के मुताबिक यह हो सकता है कि वह भारत में शरण लेने के इच्छुक हों.
भारत और मालदीव के बीच बेहद करीबी संबंध हैं. इस कारण सरकार बेहद संवेदनशील तरीके से इस मामले को देख रही है. इसलिए गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने इन खबरों से संबंधित सवालों पर कहा, हम इन रिपोर्ट की सत्यता की जांच कर रहे हैं. अहमद अदीब के हिरासत में लिए जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम रिपोर्ट की सत्यता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनकी सरकार से संपर्क करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या ये रिपोर्ट सच हैं?