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प्रेमचंद की 139 वीं जयंती पर मनावर के कवि श्री हितेन्द्र चौहान ‘बंटी बम’ ने कहा-आज देश के लिए जरूरी हैं अलगू चौधरी तथा जुम्मन शेख जैसे दोस्त


बड़वानी | मुंशी प्रेमचंद ने अपनी कहानियांे से हम सभी का दिल जीता है। साहित्यकार की कलम एक नईदुनिया का सृजन करती है। प्रेमचंदजी का रचना संसार मधुर, मनमोहक, शिक्षाप्रद, प्रेरक और अत्यंत विशिष्ट है। उनका हर किस्सा और हर किस्से का हर पात्र कागजों से निकलकर पाठकों के दिलों में बस जाता है। पंचपरमेश्वर कहानी में जिस तरह दोस्ती, दुश्मनी और फिर दोस्ती की जो दास्तां गढ़ी है, वह अद्वितीय है। आज देश में साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए अलगू चौधरी और जुम्मन शेख जैसे दोस्त जरूरी है। उनकी हर रचना दशकों बाद भी प्रासंगिक है तथा सदियों बाद भी प्रासंगिक रहेगी। ये बातें मनावर के युवा कवि श्री हितेन्द्र चौहान ‘बंटी बम’ ने शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा मुंशी प्रेमचंद जी की 139 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहीं। यह आयोजन प्राचार्य डॉ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्शन में किया गया। कवि हितेन्द्र चौहान ने देश भक्ति पर आधारित ओजस्वी कविताएं सुनाकर सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। 

    सर्वप्रथम रवि केवट और पुस्तकालय विशेषज्ञ प्रीति गुलवानिया ने प्रेमचंदजी के चित्र का पूजन अर्चन किया। इस अवसर पर डॉ. महेशलाल गर्ग तथा अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।
पीपीटी से दी जानकारी
    कार्यकर्ता किरण वर्मा, रवीना मालवीया और डॉ. मधुसूदन चौबे ने पीपीटी के जरिये प्रेमचंद जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद जी 31 जुलाई, 1880 को जन्मे थे और 8 अक्टूबर, 1936 को उनका देहावसान हो गया था। 56 वर्ष की जिंदगी में उन्होंने दुनिया को बहुमूल्य साहित्यिक संपदा सौंपी है। उन्होंने ईदगाह, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, कफन जैसी सैकड़ों कहानियां लिखीं। गोदान, गबन, रंगभूमि, कर्मभूमि जैसे उपन्यास उन्होंने लिखे। बाल साहित्य, नाटक, अनुवाद, जीवनी आदि की रचना के साथ ही वे पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहे। पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रेमचन्दजी के जीवन वृत्त, उनके परिवार, पूर्वज, जन्म स्थान लमही, बचपन का नटखटपन, किशोरावस्था एवं युवावस्था का संघर्ष, लगभग 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियों नाटक, जीवनी, बाल साहित्य, अनुवाद, प्रेमचंद पर लिखी हुई किताबें, उनका चिंतन आदि के बारे में जानकारी दी गई है।
क्विज का हुआ आयोजन
    कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया तथा ग्यानारायण शर्मा ने बताया कि मुंशी प्रेमचंदजी के व्यक्तित्व और साहित्य पर प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए क्विज का आयोजन भी किया गया। क्विज में अनेक प्रश्न पूछे गये, जिनमे जवाब विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक दिये। कुछ प्रश्न इस प्रकार थे- मुंशी प्रेमचंद का वास्तविक नाम क्या था? उनके पहले कहानी संकलन का क्या शीर्षक था? होरी किस उपन्यास का पात्र है? रंगभूमि उपन्यास के नायक कौन हैं? वह महिला पात्र कौन है, जिसे गहनों से विशेष लगाव था? हीरा-मोती कौन थे? लमही किस जिले में आता है? प्रेमचंद जी को ट्यूशन देने के कितने रुपये मिलते थे? प्रेमचंदजी ने बीए में कौनसे विषय पढ़े  थे? वे अपनी रचनाओं की रूपरेखा किस भाषा में बनाते थे? उनके द्वारा लिखे गये नाटक का नाम बताइये? प्रेमचंद घर में नामक पुस्तक किनने लिखी है? कलम का सिपाही में किनके बारे में उल्लेख मिलता है? कलम का सिपाही का लेखक कौन है? बचपन में प्रेमचंद जी का स्वभाव कैसा था? प्रेमचंदजी द्वारा किनकी जीवनी लिखी गई? प्रेमचंदजी की किन रचनाओं पर फिल्में बनीं? प्रेमचंदजी के जन्म और देहावसान की तिथियां बताइये। ईदगाह कहानी के मुख्य पात्र का क्या नाम है? बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं कहोगे, वाक्य किस कहानी में आता है? उन्होंने सर्वप्रथम किस भाषा में कहानियां लिखीं? मानसरोवर किनकी कहानियों के संकलन हैं? मानसरोवर के कुल कितने भाग प्रकाशित हुए हैं। आभार सुरभि शर्मा ने व्यक्त किया। आयोजन में सहयोग रवीना मालवीया,  किरण वर्मा, अजय चांदोरे, रवि नायक, जयदवे धनगर, सुरभि शर्मा ने किया। 

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