आज विजय दिवस के तौर पर, वीर शहीदों को पूरा देश कर रहा है नमन
20 साल पहले आज के दिन भारत ने पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में हराया था। इसी कारण हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। लगभग दो महीने तक यह युद्ध चला था। जिसे करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ा गया था। इस युद्ध में भारत ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। युद्ध के दौरान भारत के वीर सपूतों ने जिस अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया था उसपर हर देशवासी को गर्व है। जम्मू-कश्मीर के द्रास में स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में विजय दिवस मनाया जा रहा है।
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कारगिल शहीदों को कारगिल युद्ध स्मारक में जाकर श्रद्धांजलि दी।
कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाले लड़ाकू विमानों के फ्लाई पास्ट को द्रास में खराब मौसम के कारण वापस बुला लिया गया है। इससे पहले खराब मौसम की वजह से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का दौरा भी रद्द हो चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, '1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मुझे कारगिल जाने और अपने बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला था। यह वह समय था जब मैं पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में काम कर रहा था। कारगिल की यात्रा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है।'
कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने कहा, 'सरकार पाक के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है क्योंकि वह लगतार घुसपैठ और आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। मैंने परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर दिल्ली में सड़कों का नाम बदलने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। अभी उसका कोई जवाब नहीं मिला है।' विक्रम बत्रा को सेना ने मरणोपरांत परम वीर चक्र से सम्मानित किया था।
कारगिल में 1889 मिसाइल रेजिमेंट के नाइक दीपचंद ने कहा, 'मेरी बटालियन ने युद्ध के दौरान 10,000 राउंड गोलियां चलाई थीं। मुझे इस तथ्य पर गर्व है। हमारे दिमाग में केवल खए ही लक्ष्य था कि हमें अपने दुश्मन को हराना है। मैं यहां उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने आया हूं जिन्होंने कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाई।'
कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया शहीद हो गए थे। उनके पिता एनके कालिया ने कहा, 'भारत सरकार ने पुलवामा, उरी हमलों और वायुसेना के अभिनंदन को जब पाकिस्तान ने पकड़ लिया तो कार्रवाई की। यदि 1999 में इस तरह की कार्रवाई की गई होती तो हमारे सैनिकों के साथ पाकिस्तान इतना बुरा व्यवहार नहीं किया जाता।'
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