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एमपी में सियासत का बढ़ता पारा, बीजेपी के बागी विधायक पहुंचे कांग्रेस नेता के घर



भोपाल: मध्य प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है. बीजेपी के दोनों बागी विधायक कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी के घर पहुंचे. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ मंत्रियों को मंत्रालय में चर्चा के लिए बुलाया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर बैठक बीजेपी के तमाम बड़े नेता विधायक पहुंचे. चौहान के बंगले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व स्पीकर सीताशरण शर्मा विधायक भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग पहुंचे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के बंगले में 24 विधायक पहुंचे. 

इससे पहले, मध्य प्रदेश में सरकार को गिराने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को बुधवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब विधानसभा में कराए गए मत विभाजन में बीजेपी के दो विधायकों ने विधेयक को पास कराने में सरकार का साथ दिया. स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधायक कुशवाहा की मांग पर मत विभाजन कराया तो विधेयक के पक्ष में 122 विधायकों ने मतदान किया. इसमें बीजेपी के विधायकों ने भी कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. कांग्रेस का दावा है कि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया है.

नारायण त्रिपाठी कई पार्टियों में रह चुके हैं. 2003 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन 2008 में चुनाव हार गए. 2013 में सपा छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. लेकिन उनका मन कांग्रेस में नहीं लगा. 2014 को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. 2016 के उपचुनाव में बीजेपी  के सिंबल पर चुनाव लड़ा और जीत पाई. वहीं, शरद कोल शहडोल के ब्यौहारी से विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कोल ने कांग्रेस के रामपाल सिंह को 32450 वोटों से हराया था. 

गोपाल भार्गव के बयान से पार्टी आलाकमान नाराज
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयान से पार्टी आलाकमान नाराज है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिवराज सिंह चौहान और गोपाल भर्गव से मामले की जानकारी ली. दरअसल, भार्गव ने सुबह ही सरकार को चेतावनी दी थी और कहा था कि उन्हें विधायकों की खरीद फरोख्त जैसे कार्यो पर विश्वास नहीं है, लेकिन ऊपर से नंबर एक और दो का आदेश हुआ तो इस काम में एक दिन भी नहीं लगेगा.

कुल 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं. उसे चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक का समर्थन हासिल है. इस तरह कांग्रेस को कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं बीजेपी के पास 108 विधायक हैं.

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