रूस अप्रैल 2023 को भारत को देगा एस-400 मिसाइल, मजबूत होगा एयर डिफेंस
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि अप्रैल 2023 में भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी रूस करेगा। लोकसभा में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली पर पूछे गए सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने 5 अक्टूबर 2018 को करीब 40 हजार करोड़ रुपए में रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली को लेकर समझौता किया था।
इस डील को खत्म करने के लिए डाले जा रहे अमेरिकी दवाब के बारे में भी सरकार से सवाल किया गया था। इस पर नाईक ने बताया कि भारत ने अपनी सुरक्षा चुनौतियों के साथ ही सशस्त्र सेनाओं को तैयार रखने के लिए ऑपरेशनल और टेक्निकल नजरिये को देखते हुए हुए संप्रभु फैसला किया है।
बताते चलें कि अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि यदि भारत मॉस्को के साथ एस-400 मिसाइल सिस्टम को खरीदने के सौदे को करता है, तो इसके गंभीर नतीजें होंगे, जिनका असर भारत-अमेरिका के रक्षा सौदे पर भी पड़ेगा। भारत इसके खिलाफ अमेरिका की चेतावनियों के बावजूद सौदे को सील करने के लिए आगे बढ़ा है।
भारत का मानना है कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए अमेरिकी छूट के मानदंडों को पूरा करता है। पिछले महीने भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को साफ संदेश दे दिया था कि वह मिसाइल सौदे पर अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखेंगे।
बताते चलें कि अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि यदि भारत मॉस्को के साथ एस-400 मिसाइल सिस्टम को खरीदने के सौदे को करता है, तो इसके गंभीर नतीजें होंगे, जिनका असर भारत-अमेरिका के रक्षा सौदे पर भी पड़ेगा। भारत इसके खिलाफ अमेरिका की चेतावनियों के बावजूद सौदे को सील करने के लिए आगे बढ़ा है।
भारत का मानना है कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए अमेरिकी छूट के मानदंडों को पूरा करता है। पिछले महीने भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को साफ संदेश दे दिया था कि वह मिसाइल सौदे पर अपने राष्ट्रीय हितों का ध्यान रखेंगे।
अमेरिका ने साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूप से हस्तक्षेप करने के मामले में कड़े काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट (CAATSA) के तहत रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगान की घोषणा की थी। भारत खासतौर पर चीन के साथ लगे 4000 किमी लंबी सीमा पर अपने एयर डिफेंस मैकेनिज्म को इस मिसाइल के जरिये मजबूत करना चाहता है।