आईसीजे में भारत की सफलता, कुलभूषण जाधव की फॉंसी पर लगी रोक
हेग। कुलभूषण जाधव की फांसी पर ICJ ने रोक लगा दी है। इस तरह से कुलभूषण जाधव मामले में भारत को बड़ी सफलता मिली है। ICJ ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला दिया है। इस तरह से एक बार फिर विश्वमंच पर पाकिस्तान बेनकाब हुआ है।
नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) 17 जुलाई यानी बुधवार को कुलभूषण जाधव पर फैसला सुनाया। Pakistan को बड़ा झटका लगा है। ICJ ने कहा कि कुलभूषण की सजा पर पाकिस्तान पुनर्विचार करे। इसके साथ ही कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस की भी इजाजत दी गई है।
भारतीय दूतावास की टीम मामले के फैसले के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच चुकी है। नीदरलैंड में भारत के राजदूत वेणु राजामोनी और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान) दीपक मित्तल मामले के फैसले के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच चुके हैं।
पाकिस्तान के जज ने कुलभूषण के खिलाफ फैसला दिया। ICJ ने कहा कि जब कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया। सेना की अदालत में फैसला सुनाया गया, तो इसको सही निर्णय कैसे कहा जा सकता है।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव इस समय पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। उनकी मौत की सजा टालने की भारत की याचिका पर आइसीजे फैसला देगी। आइसीजे के जज दोपहर तीन बजे हेग के पीस पैलेस में पब्लिक सीटिंग में मौजूद होंगे। इस दौरान प्रमुख जज अब्दुलवकी अहमद युसूफ कोर्ट का फैसला पढ़ेंगे।
अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने आईसीजे में सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। पाकिस्तान ने जाधव को जासूस माना है जबकि भारत इस बात से लगातार इंकार करता आया है। भारत का कहना है कि पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया है। इसके तहत विदेशी कैदी को काउंसलर एक्सेस दिया जाता है।
भारत ने कोर्ट में कहा है कि पाक की सैन्य अदालत का फैसला पूरी तरह से झूठ पर आधारित है। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव पर आतंकवाद के आरोप भी लगाए हैं। पाक का दावा है कि उसने जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से उस समय गिरफ्तार किया था जब वह ईरान के रास्ते दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। जबकि जाधव जो भारतीय नौसेना से रिटायर अफसर हैं। वह बिजनेस ट्रिप पर ईरान गए थे और वहां से उनका अपहरण कर लिया गया था।
मई 2017 में हुआ था भारत के पक्ष में फैसला
फरवरी में इस मामले की सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान पुलवामा आतंकी हमले का असर साफ नजर आया था। मई 2017 में आईसीजे ने पहली बार मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि जब तक अगला फैसला नहीं आता तब तक जाधव को कुछ नहीं होना चाहिए।
फरवरी माह में इस मामले की सुनवाई पूरी हुई है। दिसंबर 2017 में जाधव की मां और पत्नी ने पाकिस्तान का दौरा किया लेकिन पाकिस्तान ने उनकी मां एवं पत्नी के साथ बदसलूकी की। यहां तक कि उसने जाधव से मुलाकात के दौरान उनकी पत्नी को मंगलसूत्र और चूड़ियां पहनने की इजाजत नहीं दी। जाधव जब अपनी मां और पत्नी से मिल रहे थे तो उस दौरान इनके बीच शीशे की दीवार थी।