प्रदेश भर के 3300 सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आज सामूहिक अवकाश पर
इंदौर. मध्य प्रदेश के 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय और दंत महाविद्यालय के चिकित्सा शिक्षकों को सातवां वेतनमान दिए जाने की मांग को लेकर बुधवार को प्रदेश के 3300 शिक्षक सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर और जबलपुर सहित सात नए मेडिकल कॉलेज रतलाम, विदिशा, दतिया, खंडवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और शहडोल के मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स सातवां वेतनमान की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2018 में हो चुका है मुख्यमंत्री का घेराव
वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मांगों को लेकर चर्चा की थी लेकिन निराकरण नहीं हो पाया था। 26 सितंबर 2018 को मुख्यमंत्री का घेराव भी किया गया था। एसोसिएशन के डॉक्टर राहुल रोकड़े का कहना है कि कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव में जारी वचन पत्र 2018 में नया वेतनमान देने और सुविधाएं देने का वचन दिया गया है। हम चाहते हैं कि सरकार नया वेतनमान नई सुविधाएं प्रदान करने का वचन पूरा करें।
अन्य सरकारी कर्मचारियों को तो मिल रहा है लाभ
एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश के 55 में से 54 विभागों के 4.5 चार लाख सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से मिल रहा है परंतु चिकित्सा शिक्षा विभाग को यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के निगम मंडल प्राधिकरण, 69 वित्त पोषित संस्थाओं के कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों को भी यूजीसी का सातवां वेतनमान मिल रहा है। पेंशनर्स को भी राज्य शासन सातवें वेतनमान का लाभ दे रही है।
मांग नहीं मानी तो सामूहिक इस्तीफा
एसोसिएशन के अनुसार बुधवार को 3300 चिकित्सा शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। उसके बाद 24 से 26 जुलाई तक 3 दिन का सामूहिक अवकाश भी लिया जाएगा। यदि फिर भी मांगे नहीं मानी गई तो 15 दिन के बाद 10 अगस्त को सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा। अवकाश के दौरान चिकित्सा शिक्षा शिक्षक काम और टीचिंग नहीं करेंगे, ओपीडी वार्ड और ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे। केवल इमरजेंसी इलाज और उपचार मरीजों को दिया जाएगा। 17 जुलाई को मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर टीचर्स धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।