अब बिना डरे पिएं स्टेशन पर मिलने वाला पानी, रेलवे ने चलाया है यह अभियान
मल्टीमीडिया डेस्क। गर्मी के दिनों में रेलयात्रा करते समय पानी की जरूरत बढ़ जाती है। इसका फायदा उठाते हुए रेलवे स्टेशन परिसर में बिना बोतलबंद पानी बेचने वालों को मौका मिल जाता है। अब रेलवे ने अस्वच्छ पानी के खतरे से यात्रियोंं को बचाने के लिए पहल की है। इसके तहत ऑपरेशन थर्स्ट लॉन्च किया गया है।
रेलवे बोर्ड ने यह व्यवस्था 8 जुलाई को शुरू की। इसके तहत सभी जोनल प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को कहा गया है कि वे स्टेशन परसिर में अनाधिकृत गतिविधियों पर नज़र रखें। इस अभियान के तहत 69 हज़ार 294 पानी की बोतलें जब्त की गईं जो कि अनाधिकृत रूप से बेची जा रही थीं।
इन विक्रेताओं से कुल 6 लाख 80 हज़ार 855 रुपए वसूले गए हैं। इतना ही नहीं, प्लेटफार्म पर ऐसे भी लोग पानी बेच रहे थे जो कि बोतलबंद तो था लेकिन वह रेलवे द्वारा अधिकृत नहीं था।
रेलवे का कहना है कि यदि कोई भी नियम के विरु्ध पानी बेचता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रेलवे सुरक्षा बल नई दिल्ली के महानिदेशक अरुण कुमार के निर्देश पर चलाये गये ऑपरेशन थर्स्ट के तहत पूर्व मध्य रेल के कई मंडलों में कार्रवाई की गई।
सीलबंद पानी की बोतलें बरामद
पूर्व मध्य रेल के RPF के महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त रवीन्द्र वर्मा के द्वारा दिए गए सख्त निद्रेश पर जोन के सोनपुर, समस्तीपुर, दानापुर, मुगलसराय एवं धनबाद रेल मंडल में 8 और 9 जुलाई को विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अधिकृत रेलवे स्टॉल से 84 तथा अनधिकृत रूप से वेंडिग करने वाले लोगों को विभिन्न ब्रांड के बोतल बंद पानी की बिक्री किए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया।
उन लोगों के पास से 12405 सीलबंद पानी की बोतलें और सीलबंद 864 ग्लास पानी बरामद किया गया। इसकी अनुमानित कीमत एक लाख 64 हजार 841 रुपये है। गिरफ्तार किए गए सभी 154 लोगों को न्यायायिक हिरासत में भेजा गया और शेष लोगों से जुर्माने के रूप में एक लाख 77 हजार चार सौ रुपये वसूले गए।
महानिरीक्षक ने पूर्व मध्य रेल के सभी वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्तों को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में प्रतिबंधित पानी पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के लिए निरंतर अभियान जारी रखने का निर्देश दिया है।