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केजीएमयू यूनिवर्सिटी के डॉक्‍टरों ने किया कमाल, भारत में पहली बार हुआ ऐसा ऑपरेशन



लखनऊ। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने 16 वर्षीय किशोरी की आंत से सफलतापूर्वक जननांग विकसित किया है। सिग्मॉयड वेजाइनोप्लॉस्टी तकनीक से इस तरह का देश में पहला और विश्व में तीसरा ऑपरेशन है। ऐसे केस दस हजार में किसी एक बच्ची में मिलते हैं। उत्तर प्रदेश के रायबरेली की रहने वाली किशोरी के जन्म से ही जननांग (वेजाइना, यूट्रस) नहीं थे।

16 की उम्र में बेटी में कुछ अनियमितताएं देख महिला रोग विशेषज्ञ को दिखाया। वहां से किशोरी को केजीएमयू रेफर कर दिया गया। एमआरकेएच सिंड्रोम-टाइप टू केजीएमयू में यूरोलॉजी विभाग के डॉ. विश्वजीत के मुताबिक, जांच में किशोरी एमआरकेएच सिंड्रोम-टाइप टू से पीड़ित मिली। किशोरी के शरीर में लगभग दो मीटर की आंत मौजूद थी। पेट के निचले हिस्से में 10 सेमी का चीरा लगाया गया।

इसमें से बीच से 10-12 सेंटीमीटर का टुकड़ा कट करने के बाद अंदर से ही जननांग के पास ले जाया गया। इसमें रक्त की धमनियां जुड़ी हुई थीं। माइक्रो व प्लॉस्टिक सर्जरी के जरिए जननांग विकसित किया गया। ऑपरेशन में डेढ़ घंटे लगे। उसमें यूट्रस अविकसित है, इसलिए गर्भधारण नहीं कर सकती है। हालांकि, वैवाहिक जीवन बिता सकती है। डॉ. विश्वजीत के मुताबिक, एमआरकेएच सिंड्रोम टाइप वन के 15 ऑपरेशन यहां हो चुके हैं। टाइप-टू में देश में यह पहला ऑपरेशन हुआ है।

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