भारतमाला-2 में प्रादेशिक राजमार्गों को दी जाएगी तरजीह
नई दिल्ली। भारतमाला-2 के तहत केंद्र सरकार अब प्रादेशिक राजमार्गों के विकास को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही आंतरिक व वैदेशिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले ढांचे के विकास के लिए समुद्री व अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि परिवहन लागत में कमी के जरिए भारतीय उत्पादों की लागत को कम किया जा सके।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट में सरकार की इस मंशा का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि भौतिक ढांचे के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार रेलवे, एयरपोर्ट, गैस पाइपलाइन के अलावा हर तरह की सड़कों का राष्ट्रीय ग्रिड बनाना चाहती है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को भी नए ढंग से तैयार किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, औद्योगिक गलियारों, समर्पित मालगाड़ी गलियारों, भारतमाला तथा सागरमाला परियोजनाओं के माध्यम से भौतिक कनेक्टिविटी के सभी प्रारूपों को जबरदस्त ढंग से आगे बढ़ाया है। जहां औद्योगिक गलियारों से संबंधित क्षेत्रों में अधिक निवेश के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, मालगाड़ियों के लिए विशेष रूप से बनाए जा रहे गलियारों (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स) से रेल तथा भारतमाला के तहत बनाए जा रहे राजमार्गों से देश में सड़क नेटवर्क का विकास होगा और यातायात जाम की समस्या समाप्त होगी।
इसके लिए भारतमाला के दूसरे चरण में प्रादेशिक राजमार्गों के विकास को तरजीह दी जाएगी। इससे आम आदमी को फायदा होगा। सागरमाला के तहत प्रमुख राजमार्ग बंदरगाह से जुड़ जाएंगे। वहीं बंदरगाहों का आधुनिकीकरण होगा तथा उनसे संबंधित उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। सागरमाला का मकसद विदेश जल परिवहन के जरिए विदेश व्यापार के ढांचे में सुधार लाना है।
जल परिवहन गरीब आदमी के परिवहन का साधन भी है। जल परिवहन को यातायात का सबसे सस्ता साधन पाया गया है। राष्ट्रीय जलमार्गों को परिवहन योग्य बनाने के लिए चलाई गई जलमार्ग विकास परियोजना से अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए आंतरिक व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इन कदमों से वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना सस्ता और सुगम हो जाएगा जिससे अंततः हमारे यहां उत्पादित सामानों की लागत घटेगी और निर्यात बढ़ेगा।