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किसानों के सम्मान में अब दो पत्नियां भी मान्य करेगी मध्‍यप्रदेश सरकार


उज्जैन । मनोज तिवारी, भोपाल। कर्ज माफी और किसानों को तमाम तरह की सुविधाएं देने के बाद राज्य सरकार किसानों के सम्मान में दो पत्नियां भी मान्य करेगी। अब प्रदेश के उन किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए पात्र माना जाएगा, जिनकी दो पत्नी हैं। प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आने के बाद राजस्व विभाग ने किसानों की जानकारी जुटाने के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर में यह विकल्प जोड़ दिया है। विभाग को 20 जुलाई तक किसानों की जानकारी केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना है। अब तक 25 लाख किसानों का सत्यापन किया जा चुका है।
योजना के तहत पति-पत्नी और उनके नाबालिग बच्चों को एक परिवार माना गया है। जबकि बालिग बच्चे को अलग परिवार माना गया है। विभाग ने सर्वे शुरू किया तो ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें किसान की दो पत्नियां हैं। इसे लेकर मैदानी स्तर पर उलझन बढ़ी तो विभाग को सॉफ्टवेयर में विकल्प जोड़ना पड़ा।
नई व्यवस्था के तहत किसी किसान की दो पत्नियां हैं तो उन्हें एक ही परिवार मानते हुए उनका एक कृषि खाता माना जाएगा। इसमें उसके नाबालिग बच्चे भी शामिल रहेंगे, लेकिन बालिग बच्चों को अलग यूनिट मानते हुए योजना का लाभ अलग से दिया जाएगा। योजना के तहत प्रत्येक किसान को साल में तीन बार दो-दो हजार रुपए के मान से छह हजार रुपए सम्मान निधि दी जाएगी। केंद्र सरकार ने यह योजना लोकसभा चुनाव के ठीक पहले शुरू की थी।
80 में से 25 लाख का सत्यापन
राजस्व विभाग के मुताबिक प्रदेश में 80 लाख किसान परिवार हैं, जिसमें से 25 लाख का सत्यापन कर लिया गया है। ये डाटा अगले दो से तीन दिन में केंद्रीय कृषक पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। जबकि शेष किसानों का सत्यापन 20 जुलाई तक कराने का लक्ष्य है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि सत्यापन में ज्यादा समय लगेगा, क्योंकि एक खाते में कई किसानों के नाम चढ़े हुए हैं, जिन्हें अलग करने में समय लग रहा है।
आईडी और रिकॉर्ड से मिलान
योजना का लाभ देने के लिए किसानों का सत्यापन समग्र आईडी और राजस्व रिकॉर्ड का मिलान कर किया जा रहा है। जानकार बताते हैं कि बंटवारे जैसी स्थिति में राजस्व रिकॉर्ड में परिवार की अलग-अलग यूनिट को एक ही खाते में दर्शाया गया है। इस कारण सत्यापन में ज्यादा वक्त लग रहा है। अब एक ही खाते में शामिल ऐसे सभी किसानों को अलग-अलग किया जा रहा है, जो बालिग हैं और उनके नाम पर जमीन रजिस्टर्ड है। इसके लिए पटवारी और ग्राम रोजगार सहायक की ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें प्रति किसान परिवार 18 रुपए भत्ता दिया जा रहा है।
इनका कहना है
दो पत्नी होने के कुछ मामले सामने आए हैं। मैदानी स्तर पर इन्हें लेकर दिक्कत हो रही थी। इसलिए सॉफ्टवेयर में विकल्प कर दिया है। अब किसान व उसकी दोनों पत्नियों को एक ही परिवार माना जाएगा। सत्यापन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर लेंगे। 
- मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग
आर्थिक लाभ दोनों पत्नियों को
हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति पहली पत्नी की सहमति के बगैर दूसरी नहीं रख सकता है, लेकिन दोनों सहमत हों, तो कोई आपत्ति नहीं है। पर ऐसे किसी भी मामले में आर्थिक लाभ दोनों पत्नियों को अलग-अलग दिए जाते हैं। 
- विनय श्रीवास्तव, अधिवक्ता, पारीवारिक विवाद

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