दिल्ली के पास बन रहा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा
उत्तर प्रदेश में दिल्ली से सटे नोएडा के पास जेवर हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। एक प्रस्ताव के अनुसार वर्ष 2022-23 में तैयार होने के बाद यह दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। इसकी सालाना क्षमता 3-5 करोड़ यात्रियों की होगी। इसे तीन हजार हेक्टेयर में विकसित किया जा रहा है। जेवर हवाई अड्डे को अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले पांच वर्षों में आईजीआई की यात्री क्षमता पूरी हो जाएगी और तब तक जेवर हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाएगा।
सबसे बड़ा टर्मिनल: आईजीआई में तीन रन-वे और तीन टर्मिनल हैं। टर्मिनल थ्री तीन विश्व का सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। जेवर हवाई अड्डे पर पांच से ज्यादा रन-वे की जरूरत होगी। हालांकि पहले चरण में दो टर्मिनल ही बनाए जाएंगे।
क्षेत्रफल में भी होगा आईजीआई से बड़ा: जेवर में बनने जा रहा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 3000 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। पहले चरण में 1327 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण होगा। दिल्ली स्थित आईजीआई हवाई अड्डा 2066 हेक्टेयर जमीन पर बना हुआ है।
जेवर हवाई अड्डे की क्षमता सालाना 9 करोड़ यात्रियों को होगी। जो साल 2050 तक 20 करोड़ तक हो जाएगी। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सालाना 6.35 करोड़ यात्रियों का दबाव है, इसकी क्षमता 10 करोड़ यात्रियों की है।
भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। दूसरे स्थान पर मुंबई का छत्रपति शिवाजी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा और तीसरे स्थान पर बेंगलुरु का अंतराराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
एशिया में 10वें नंबर पर दिल्ली: व्यस्तता के मामले में भी आईजीआई एशिया में 10वें जबकि विश्व में 21वें स्थान पर है। एशिया में पहले स्थान पर चीन का बीजिंग कैपिटल हवाई अड्डा जबकि, विश्व में पहले स्थान पर जार्जिया का अटलांटा हवाई अड्डा है।
वर्ष 2022-23 में तैयार हो जाने के बाद जेवर विश्व का पांचवां सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। आइए आज आपको विश्व के पांच सबसे बड़े हवाई अड्डों के बारे में भी बताते हैं।
तेल के अपार भंडार के लिए पहचान रखने वाला देश सऊदी अरब हवाई अड्डा के मामले में भी दुनिया में अव्वल है। दरअसल, दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा भी इसी देश में है। दमाम के किंग फहद इंटरनेशनल हवाई अड्डा 77,600 हेक्टेयर जमीन पर यानी 36.75 वर्ग किलोमीटर के दायरे में बना है। इसका इंफ्रास्ट्रक्चर वर्ष 1990 में बनकर तैयार हुआ था। 1991 के खाड़ी युद्ध में लड़ाकू विमानों के लिए भी इसका उपयोग किया गया।
डेनवर इंटरनेशनल हवाई अड्डा: दूसरे नंबर पर अमेरिका का डेनवर इंटरनेशनल हवाई अड्डा है। यह 13,571 हेक्टेयर जमीन पर यानी 35.7 वर्ग किलोमीटर में बना है। यह उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह 23 विभिन्न एअरलाइन कंपनियों के जरिए दुनिया के 215 गंतव्य स्थानों को कवर करता है।
डलस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: अमेरिकी का डलस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 6,963 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है। यह अमेरिकन एयरलाइंस का सबसे बड़ा हब है। उड़ाने भरने के मामले में यह विश्व का पांचवा सबसे बड़ा और वर्ष 2017 के अनुसार सबसे ज्यादा यात्रियों के ट्रैफिक के मामले में 15वें नंबर पर है।
ऑरलैंडो इंटरनेशनल हवाई अड्डा: अमेरिका का ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 5,383 हेक्टेयर में बना हुआ है। यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। 44 विभिन्न एयरलाइंस की 850 फ्लाइट्स यहां से प्रतिदिन उड़ानें भरती हैं। वर्ष 2018 में यहां करीब चार करोड़ 76 लाख यात्रियों की आवाजाही रही।
ड्यूलेस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: पांचवे नंबर पर वॉशिंगटन ड्यूलेस इंटरनेशनल हवाई अड्डा है। यह 4,856 हेक्टेयर यानी 52.6 वर्ग किलोमीटर जमीन पर बना हुआ है। 1962 में शुरू हुए इस हवाई अड्डे पर व्यस्त दिनों में 60 हजार के करीब यात्री दुनियाभर के 12 गंतव्यों की यात्रा करते हैं।