अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियों पहुंचे भारत, पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से करेंगे मुलाकात
नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोंपियो नई दिल्ली पहुंच गए हैं और बुधवार को वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच हर मुद्दे पर बात तो होगी लेकिन कोई समझौता या करार नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद पहली बार किसी बड़े देश का विदेश मंत्री भारत दौरे पर है। इस दौरान अगले पांच साल के दौरान दोनों देशों की साझेदारी का रोडमैप तैयारी होगा। साथ ही दो दिन बाद ही ओसाका (जापान) में पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भी द्विपक्षीय मुलाकात होनी है, पोंपियो की यात्रा उसकी भी नींव तैयार करेगी।
पोंपियो की यात्रा इसलिए भी अहम है कि हाल ही में अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताई है कि भारत, रूस से S-400 सिस्टम खरीदने जा रहा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रूस के साथ बेहद पुराने रिश्तों को भारत नकार नहीं सकता। वैसे भी रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाने संबंधी कानून में भारत को छूट मिलनी चाहिए। अमेरिका जानता है कि भारत किस तरह की रणनीतिक जरुरत के लिए इस सिस्टम को खरीद रहा है। इसी तरह से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध का भी मुद्दा है जो सीधे तौर पर भारत के हितों को प्रभावित करता है। यह मुद्दा भी पोंपियो के साथ उठाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रतिबंध की वजह से भारतीय तेल कंपनियों ने फिलहाल ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया है लेकिन ईरान से भी बातचीत जारी है। हो सकता है कि भविष्य में ईरान से फिर से तेल की खरीद की जाए।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन की कंपनी हुवेई पर प्रतिबंध लगाने का अमेरिका दबाव माना जाएगा, इस बारे में सूत्रों का कहना है कि भारत 5G तकनीक को लेकर अपनी नीति स्वयं बना रहा है। डाटा सुरक्षा को लेकर वह अपने आतंरिक मुद्दों को देख कर फैसला करेगा। हुवेई की तरह ही अमेरिकी विदेश मंत्री डाटा लोकलाइजेशन और ई-कामर्स नीति पर भारत सरकार का मन थाहने की कोशिश करेंगे।