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स्मार्ट सिटी के अलावा शेष नौ नगर निगमों के लिये विशेष कार्य-योजना बनाने के निर्देश


 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में म.प्र. अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी के संचालक मंडल की बैठक संपन्न 

प्रदेश में स्मार्ट सिटी के रूप में घोषित सात नगर निगमों के अलावा शेष नौ नगर निगमों में भी ज्यादा से ज्यादा नागरिक सुविधाएँ देने के लिए अधोसंरचना उन्नयन की अलग से विशेष योजना बनाई जायेगी। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मंत्रालय में मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी के संचालक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने 66 नगरीय निकायों में 3 हजार 450 करोड़ की जल और सीवरेज योजनाओं का कार्य 2020 तक पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश के सात नगर निगमों का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में किया है। उन्होंने शेष 9 नगर निगमों-बुरहानपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, देवास, खण्डवा, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरौली में भी नागरिक सुविधाओं के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये।

सीवरेज और जल आवर्धन योजनाओं का काम पूरा करें

मुख्यमंत्री ने 66 नगरी निकाय में सीवरेज और जल आवर्धन योजनाओं के कार्य पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसियों को नियुक्त कर वर्ष 2020 से निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के अधोसंरचना विकास के लिए विशेषज्ञ संस्थानों की सहायता से ज्यादा से ज्यादा योजना तैयार करें ताकि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो राज्य शहरी अधोसंरचना निर्माण में आगे हैं, उनमें अपनाये गये वित्तीय प्रबंधन का अध्ययन कर प्रदेश के लिए बेहतर और उपयोगी मॉडल अपनायें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शासकीय कार्यालयों और संस्थानों के पास उपलब्ध सभी प्रकार की भूमि तथा बिल्टअप क्षेत्रफल का अध्ययन करें ताकि उपलब्ध भूमि का बेहतर उपयोग किया जा सके। विशेष रूप से भोपाल और इंदौर को प्राथमिकता में शामिल करें। नगरीय क्षेत्र में उपलब्ध शासकीय भूमि नगरीय निकायों को उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अतिशेष भूमि के मोद्रीकरण से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग नगरीय अधोसंरचना विकास के लिए किया जायेगा।

नई टाउनशिप के प्रस्ताव तैयार करें

मुख्यमंत्री ने स्मार्ट की अवधारणा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समझने पर जोर देते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी की अवधारणा पर ही बड़े नगरों की सीमाओं पर नई टाउनशिप के प्रस्ताव तैयार  करें। बड़े नगरों में आबादी के बढ़ते दबाव को देखते हुए डिस्पर्सिबल सिटी की अवधारणा पर भी विचार करें।

मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित 'भोपाल-इंदौर न्यू एक्सप्रेस वे' की एलाइनमेंट में आने वाले सभी नगरों के शासकीय कार्यालय न्यू एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर कॉरीडोर में निर्मित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से भोपाल व इंदौर के आस-पास के क्षेत्र में नगरों के बाह्य सीमा के आस-पास नई टाउनशिप के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। इससे भोपाल और इंदौर जैसे नगरों में अधोसंरचना पर‍निरंतर बढ़ रहे दवाब को कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही नगर की वर्तमान अधोसंरचना की क्षमता का भी नियत सीमा में ही उपयोग हो सकेगा।

बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एम. गोपाल रेड्डी, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ यांत्रिकी श्री संजय शुक्ला, आयुक्त नगरीय विकास श्री पी. नरहरि एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

 

मनोज पाठक

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