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'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर पीएम द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक शुरू, कांग्रेस समेत इन्होंने बनाई दूरी


नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव के मिशन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सभी विपक्षी दलों की बैठक शुरू हो गई है। पार्टी के "एक राष्ट्र, एक चुनाव" के मुद्दे को आगे बढ़ाने और इसमें विपक्ष समेत सभी पक्षों को शामिल करने के लिए यह बैठक बुलाई है। इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ आज चर्चा होगी।
हालांकि, इस बैठक से कांग्रेस समेत कईं नेताओं ने दूरी बना ली है। इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बानर्जी के अलावा डीएमके नेता एमके स्टालिन, अखिलेश यादव और मायावती का भी नाम है। आज होने वाली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने 20 जून को सभी नेताओं के लिए डिनर का आयोजन भी किया है।
संविधान संशोधन के बिना "एक राष्ट्र, एक चुनाव" संभव नहीं : कृष्णमूर्ति
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने सोमवार को कहा कि "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार तो बहुत बढ़िया है, लेकिन संविधान में संशोधन कर विधायिकाओं का निश्चित कार्यकाल किए बिना यह संभव नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त रहते हुए 2004 का आम चुनाव कराने वाले कृष्णमूर्ति ने कहा कि अर्ध सैनिक बलों की अधिक संख्या में तैनाती समेत कई तरह के प्रशासनिक इंतजाम करने पड़ेंगे, लेकिन ये संभव हैं।
उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के कई फायदे हैं, लेकिन इसे लागू करने की राह में अविश्वास प्रस्ताव और अन्य संबंधित मुद्दों से जुड़े संवैधानिक प्रावधान बाधा हैं। इसके लिए संविधान में संशोधन कर यह प्रावधान करना पड़ेगा कि अविश्वास प्रस्ताव में अगर कोई नया नेता नहीं चुना जाता है तो पुरानी सरकार ही बनी रहेगी। जब तक सदन का कार्यकाल निश्चित नहीं होगा, यह संभव नहीं है।
पहले होते रहे एक साथ चुनाव
- 1952 में लोकसभा और विधानसभाओं के पहले चुनाव एक साथ कराए गए।
- वर्ष 1957, 1962, 1967 के दौरान यही प्रक्रिया जारी रही।
- क्षेत्रीय दलों के उभार से बिगड़ा संतुलन। राज्यों को मध्यावधि चुनाव में उतरना पड़ा।
- वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी ने लोकसभा का मध्यावधि चुनाव कराया था।
- वर्ष 1980, 1991, 1998, 1999 में लोकसभा को कार्यकाल खत्म होने से पहले भी भंग कर दिया गया
- 1971 और 1984 में भी कांग्रेस ने लोकसभा एक साल पहले ही भंग कर दिया था।
- 1999 में विधि आयोग ने भी पांच साल में एक साथ चुनाव कराने की सलाह दी।
परदेस में प्रावधान
ब्रिटेन : ब्रिटेन के इंग्लैंड प्रांत में आम चुनाव और स्थानीय निकायों के चुनाव 1997 से एक साथ ही कराए जा रहे हैं।
इटली, बेल्जियम और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में भी आम चुनाव के साथ स्थानीय चुनाव होते हैं।
कनाडा : यहां नगर पालिका के चुनाव की तारीख तय होती है।
दक्षिण अफ्रीका : राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव एक साथ होते हैं।

 

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