पाकिस्तान ने पहली बार भारत को दी आतंकी हमले की सूचना, कश्मीर में अलर्ट जारी
जम्मू। आतंकवाद पर भारत के सख्त रवैये को देखकर पाकिस्तान की हालत खराब है। वह पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। लिहाजा, अपनी खोई इज्जत वापस हासिल करने के लिए पाकिस्तान ने पहली बार भारत को सूचना दी है कि आतंकवादी कश्मीर को एक बार फिर से दहलाने की साजिश रच रहे हैं। अलर्ट में पड़ोसी देश ने कहा है कि कुछ दिन पहले मुठभेड़ में मारे गए अंसार-गजावत-उल-हिंद के कमांडर जाकिर मूसा की हत्या का बदला लेना चाहते हैं।
इसके बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा और कड़ी करने के साथ सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा आगे आकर सूचना देना उसकी नई कूटनीतिक चाल भी हो सकती है। पाकिस्तान इसके जरिये यह संदेश देना चाहता है कि वह भी आतंकवाद के खिलाफ है। मगर, उसकी सरजमीन पर आंतकी अब भी पल रहे हैं।
इस अलर्ट के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। यह यात्रा दक्षिण कश्मीर और उत्तरी कश्मीर से होकर गुजरती है। अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा तक जाने वाला मार्ग अनंतनाग और अवंतीपोरा से होकर गुजरता है, जहां आतंकी सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं। 12 जून को इस मार्ग पर आतंकी सीआरपीएफ पर हमला भी कर चुके हैं, जिसमें पांच जवान और एक थाना प्रभारी शहीद हो गए थे।
पहले से अलर्ट हैं सुरक्षा बल
कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षाबल पहले से ही अलर्ट पर हैं। अब बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में हमले का अलर्ट भारत और अमेरिका के साथ साझा किया है। सूत्रों के अनुसार, इसमें कहा गया है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा से पहले या यात्रा के दौरान अपने मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। अलकायदा से प्रभावित आतंकी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं।
हमले का अलर्ट पुलवामा में उस जगह का भी दिया गया है, जहां 14 फरवरी को सुरक्षा बलों के काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया था। पाकिस्तान के इस इनपुट को सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और राज्य पुलिस के साथ साझा किया गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की लगभग 450 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही हैं।
साजिश या संबंध सुधारने का प्रयास?
पाकिस्तान की हमले की सूचना साझा करने को विशेषज्ञ कई तरह से देख रहे हैं। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के सख्त रवैये के बाद पाक लगातार भारत के साथ संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है। पहले उसने आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया और अब अगर भारत के साथ आतंकी हमले की सूचना साझा की है, तो यह अच्छा है।
पाकिस्तान ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने को भी कहा था। पाकिस्तान की आर्थिक हालत पहले से खस्ता है। वह यह जानता है कि भारत के साथ अगर बातचीत शुरू नहीं होती है, तो उसकी अर्थव्यवस्था और बद से बदतर हो जाएगी। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि पाकिस्तान पर जल्द विश्वास नहीं किया जा सकता। वह सूचना देकर अपने आप को बचाना भी चाहता है। अगर आतंकी हमला करते हैं, तो पाकिस्तान कहेगा कि उसका कोई हाथ नहीं है। उसने तो पहले से ही जानकारी दे दी थी।