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आज से शुरू हो रहा 17वीं लोकसभा का पहला सत्र



नई दिल्ली। 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र की आज से शुरुआत हो लही है। सदन में सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ ग्रहण करवाएंगे और इनमें नियम के अनुसार सबसे पहले सदन का नेता शपथ ग्रहण करता है। इस हिसाब से प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले संसद की सदस्यता की शपथ लेंगे इसके बाद दूसरे सदस्य शपथ ग्रहण करेंगे। जब तक सभी सदस्यों की शपथ नहीं हो जाती तब तक सदन में कोई कार्रवाई नहीं होगी। अगले दो दिनों तक सदन में केवल शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होगा और उसके बाद स्पीकर का चुनाव होगा।

खबरों के अनुसार सदन में पीएम मोदी और उनके मंत्रियों के बाद यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी शपथ ले सकती हैं। दरअसल, सदन का परंपरा रही है कि मंत्रीमंडल के बाद सदन के वरिष्ठतम सांसद शपथ लेते हैं। 2014 में लालकृष्ण आडवाणी और सोनिया गांधी ने शपथ ली थी। इस बार आडवाणी चुनाव नहीं लड़े और इस वजह से सोनिया गांधी ही शपथ लेंगी।

संसद का बजट सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। प्रोटेम स्पीकर के रूप में इसके लिए डॉ. वीरेंद्र कुमार का चयन कर लिया गया है। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 20 जून को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। जबकि पांच जुलाई को सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। इस बार लोकसभा में कईं नए चेहरे नजर आएंगे वहीं कईं पुराने चेहरे गायब होंगे। नए चेहरों में सबसे बड़ा नाम अमित शाह का है जो पहली बार लोकसभा सांसद बने हैं।

इस सत्र में सरकार एक बार फिर से तीन तलाक समेत कईं अहम बिल ला सकती है वहीं सदन में एक साथ चुनाव का मुद्दा भी गर्मा सकता है। इसे लेकर प्रधानमंत्री ने 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

इससे पहले रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम ने देश में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के अपने पिछले इरादे को दोहराया। उन्होंने "एक देश, एक चुनाव" और कई अन्य प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से विचार के लिए बुधवार को सभी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाने का फैसला किया है।

बैठक में यह बोले पीएम मोदी
रविवार को हुई बैठक में उन्होंने कहा कि लोकसभा में कई नए चेहरे होंगे। इसके पहले सत्र की शुरुआत नए उत्साह व नए विचारों के साथ होना चाहिए। वहीं विपक्ष ने मांग की कि बजट व मानसून सत्र में बेरोजगारी व सूखे की स्थिति पर बहस होनी चाहिए। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों से आग्रह किया है कि वे आत्म चिंतन करें कि जिस तरह से 16वीं लोस के पिछले दो साल बर्बाद हुए, क्या उनके सांसद जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं।

जोशी ने कहा कि सरकार ने सभी दलों, खासकर विपक्ष से आग्रह किया कि वे संसद के दोनों सदनों के सुचारू संचालन में सहयोग करें। ज्ञात हो कि संसद के हर सत्र की शुरुआत के पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा है। इसमें संसद के सुचारू संचालन में सभी दलों से सहयोग का आग्रह किया जाता है।

टीम भावना बनाने के दो अनूठे आयोजन
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने बताया कि इस बार सांसदों के बीच टीम भावना व समन्वय बनाने के लिए दो अनूठे आयोजन किए जा रहे हैं। इनमें से एक 19 जून की सर्वदलीय बैठक है। इसमें उन्हीं दलों के प्रमुखों को बुलाया गया है, जिनके लोकसभा या राज्यसभा में प्रतिनिधि हैं।

इस बैठक में "एक देश, एक चुनाव" पर विचार के अलावा 2022 में आजादी की 75वीं सालगिरह और इस साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती खासतौर से मनाने पर भी विचार होगा। जबकि दूसरा आयोजन 20 जून को होगा, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के लिए रात्रिभोज रखा गया है। इसमें सभी सांसद सरकार के साथ खुले रूप से विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।

पीएम ने ट्वीट कर दिया धन्यवाद
बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "आज हमने सार्थक सर्वदलीय बैठक की। यह चुनावी नतीजों के बाद व पहले सत्र से पूर्व पहली बैठक थी। हम नेताओं के मूल्यवान विचारों के आभारी हैं। हम सभी संसद के सुचारू संचालन के लिए सहमत हैं, ताकि जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।"

विपक्ष से आजाद, फारूक व डेरेक ओ"ब्रायन मौजूद रहे
रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, नेकां से फारूक अब्दुल्ला व तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ"ब्रायन मौजूद रहे। बैठक के बाद आजाद ने कहा कि जो भी विधेयक जनता के हित में होंगे हम उनका विरोध नहीं करेंगे। लेकिन किसानों की समस्या, सूखे व बेरोजगारी जैसे विषयों पर भी बहस होना चाहिए।

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