प्रदेश सरकार का एलान, 300 'स्मार्ट गोशाला' का निर्माण करेगी विदेशी कंपनी
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने घोषणा की है कि उसने एक निजी कंपनी के साथ राज्य में 300 'स्मार्ट गोशाला' बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इन गोशालाओं का निर्माण अगले पांच सालों में प्रोजेक्ट गोशाला के तहत किया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए राज्य सरकार और निजी कंपनी के बीच सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
इस समझौते के तहत राज्य के आवारा पशुओं के लिए एक ढांचे का निर्माण किया जाएगा। राज्य के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने सूचना दी कि निजी कंपनी इसके लिए सरकार से एक रुपया भी नहीं लेगी। हालांकि वह गोमूत्र, गोबर और पूंछ के बालों का निर्यात करके लाभ कमाएगी। यादव के अनुसार कंपनी ने प्रत्येक प्रस्तावित गोशाला के लिए सरकार से 50 एकड़ जमीन मांगी है। वह प्रति हाई-टेक गोशाला पर 11 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
यादव ने कहा, 'मैंने उनसे पूछा कि एक गोशाला पर 11 करोड़ रुपये खर्च क्यों होंगे तो उन्होंने कहा कि यह हाई-टेक होगी। जब मैंने पूछा कि आप अपने निवेश की वसूली कैसे करेंगे तो उन्होंने कहा कि वह गोमूत्र, गोबर और गाय की पूंछ के बालों का निर्यात करेंगे। हमारी उनके साथ पहली बैठक हो चुकी है और वह जल्द ही काम करना शुरू कर देंगे।' मंत्री ने कहा कि जिस दिन कंपनी इन गोशालाओं का संचालन बंद कर देगी उस दिन यह राज्य सरकार के पास आ जाएंगी। जब उनसे कंपनी का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं है।
यादव से जब पूछा गया कि क्या कंपनी के पास 'स्मार्ट गोशाला' चलाने का कोई पूर्व अनुभव है तो उन्होंने कहा कि मैंने यही सवाल उनसे किया था और उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं किया। पहले चरण में राज्य सरकार भोपाल में कंपनी को पांच 'स्मार्ट गोशालाओं' के लिए जमीन मुहैया करवाएगी। उन्होंने कहा कि बाकी गोशालाओं के लिए जमीन बाद में आवंटित की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह परियोजना सफल होगी तो उन्होंने कहा कि कंपनी को खुद को साबित करना होगा।