मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि पाने के लालच में विवाहित जोड़ो ने फिर से कर ली सम्मेलन में शादी
श्योपुर। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विजयपुर और वीरपुर में पखवाड़े के भीतर आयोजित सम्मेलनों में 325 जोड़ों ने पैसों के फेर में फिर से सात फेरे ले लिए। कलेक्टर बसंत कुर्रे ने जिला पंचायत सीईओ को जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, कन्यादान योजना की राशि 25 से 51 हजार होने पर गड़बड़ी के फेरे ले लिए गए। बता दें कि बीते सप्ताह विजयपुर और वीरपुर में 420 जोड़ों की शादी सरकारी विवाह सम्मेलन में हुई थी।
पूरे गांव ने न्योता खाया फिर ले लिए फेरे
वीरपुर तहसील के ओछापुरा निवासी अरुण जंगम की शादी 28 अप्रैल को शिवपुरी जिले के भटनागर कस्बे निवासी अंतिमा जंगम के साथ हुई थी। अरुण की शादी में पूरे ओछापुरा गांव ने न्यौता खाया। गुरुवार छह जून को वीरपुर में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना सम्मेलन में अरुण और अंतिमा ने फिर से फेरे ले लिए। वीरपुर में 70 जोड़ों की शादी हुई थी, जिनमें से 35 से ज्यादा जोड़े शादीशुदा थे। विजयपुर में चार जून को हुए सरकारी विवाह सम्मेलन में 350 जोड़ों की शादी हुई। इनमें से 290 जोड़े पहले से विवाहित थे।
गोद में बच्चा और फिर बने दूल्हा-दुल्हन
ओछा के सहराना निवासी रामबल आदिवासी की शादी दो साल पहले ढोढर निवासी हसीना आदिवासी से हुई थी। एक साल का बेटा भी है। वीरपुर में हुए समारोह दोनों फिर हमसफर बन गए। सरकार को चूना लगाने वाले इस खेल में ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक, सचिव से लेकर जनपद पंचायतों में पदस्थ पंचायत समन्वयक ऑफिसर तक की भूमिका संदिग्ध है।
विधायक की सिफारिश पर कलेक्टर का इनकार
सूत्रों के अनुसार 15 दिन पहले विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी कलेक्टर बसंत कुर्रे से मिले। विधायक का कहना था कि आचार संहिता के कारण कई गरीब घरों के युवाओं की शादी हो गई। इसलिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत इनकी दोबारा शादी करा दें। कलेक्टर ने विधायक के इस सुझाव पर दो टूक इनकार कर दिया था।
इनका कहना है
कुछ लोगों ने ऐसी शिकायत की है। मामला कुछ संदिग्ध लग रहा है, इसलिए जिपं सीईओ को जांच के आदेश दिए हैं। विजयपुर जनपद में ही शिकायतें ज्यादा हैं। प्रभारी जनपद सीईओ को श्योपुर अटैच कर दिया है। जिसने भी गलत तरीके से सरकारी योजना का लाभ लिया है उससे सरकारी राशि की वसूली होगी।
- बसंत कुर्रे, कलेक्टर, श्योपुर